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चित्रकूट में प्रशासन की लापरवाही, क्वारंटाइन सेंटर पर लोगों को नहीं मिल रही सुविधाएं - चित्रकूट समाचार

देश के विभिन्न जनपदों में रोजगार और मजदूरी के लिए गए मजदूर कोरोनावायरस के खौफ के बाद वापस उत्तर प्रदेश के चित्रकूट लौटे हैं. प्रशासन ने इन्हें जिले में अलग-अलग जगहों पर बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में रखा है. इन सेंटर पर रह रहे मजदूरों का कहना है कि यहां उन्हें मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं. ऐसे में वह कोरोना से कैसे बचाव कर पाएंगें.

क्वारंटाइन सेंटर पर लोगों को नहीं मिल रही मूलभूत सुविधाएं
क्वारंटाइन सेंटर पर लोगों को नहीं मिल रही मूलभूत सुविधाएं

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Published : Apr 4, 2020, 1:42 PM IST

Updated : Apr 12, 2020, 11:58 AM IST

चित्रकूट:कोरोना के खतरे को देखते हुए देशभर में लॉकडाउन घोषित किया गया था. इसके चलते देशभर में उद्योग-धंधे ठप पड़ गए. इस कारण अन्य राज्यों में रोजगार की तलाश में गए लोग अपने अपने घर लौट रहे हैं. इसी के चलते अपने गृह जनपद लौटे मजदूरों को जिला प्रशासन ने जिले की कई जगहों को चिन्हित कर उसमें क्वारंटाइन कर दिया है. इसी क्रम में जनपद के जवाहर नवोदय विद्यालय में लगभग 150 मजदूरों को क्वारंटाइन किया गया है. इन मजदूरों से ईटीवी भारत ने बात-चीत की. बातचीत में उन्होंने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में उन लोगों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं.

क्वारंटाइन सेंटर पर लोगों को नहीं मिल रही मूलभूत सुविधाएं

150 मजदूर किए गए क्वारंटाइन

ईटीवी भारत से बात करते हुए मजदूर राजकुमार ने कहा किसी तरह मुसीबत उठाकर वह लोग अपने गृह जनपद वापस लौटे हैं. हमारे पास वहां पर कोई भी ऑप्शन नहीं बचा था. हमारे मालिकों ने हमें काम बंद करने को कहा था. इस कारण हम लोग जिस स्थिति में थे उसी स्थिति में हमें वापस लौटना पड़ा. वापसी में कई बार हम रास्ते में पैदल चले तो कई बार ट्रक का सहारा लेकर जनपद पहुंचे. इसके बाद प्रशासन ने हमें 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन करने के लिए नवोदय विद्यालय में ठहराया है.

प्रशासन की लापरवाही

इन मजदूरों का कहना है कि यहां पर हमें वह सुविधाएं नहीं दी गई जो हमें मिलनी चाहिए थी, जबकि हम लोगों ने 2 दिन जिला मुख्यालय में काटा और वहां पर हमें अच्छी सुविधा मिल रही थी.

क्या कहते हैं मजदूर

क्वारंटाइन सेंटर पर एक और मजदूर हेमराज ने बताया कि यहां हम लोगों को न तो साबुन दिया जाता है न ही सैनिटाइजर और न ही मास्क. बाथरूम गंदे पड़े हुए हैं. पीने के लिए पानी के लिए हमें उसी बाथरूम के पानी को ही पीना पड़ता है. इतना ही नहीं वहां की टंकिया भी बेहद गन्दी हैं.

नवोदय विद्यालय में रुके एक अन्य मजदूर ने बताया कि हम लोगों को यहां पर भोजन तो भरपूर मात्रा में दिया जा रहा है पर हम बुनियादी सुविधाएं नहीं होने से परेशान हैं. हमें ओढ़ने और बिछाने के लिए बिस्तर भी नहीं दिया गया है और न ही साबुन, सैनिटाइजर दिया गया है. पूरे प्रांगण में और टॉयलेट-बाथरूम पूरी तरह से गंदे और बदबूदार हैं. इतना ही नहीं इन लोगों का कहना है कि इनका एक बार ही मेडिकल चेकअप हुआ है.

Last Updated : Apr 12, 2020, 11:58 AM IST

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