चित्रकूट:लॉकडाउन के बाद मजदूरों को उन्हीं के गांवों में रोजगार देने के उद्देश्य से सरकार ने सशर्त मनरेगा के कार्यों को कराने के लिए अनुमति दी है. वहीं जनपद में स्थानीय प्रशासन इन नियमों को ताख पर रखकर बिना मास्क, सैनिटाइजर व सोशल डिस्टेंसिंग के कार्य करवाए जा रहा है. यही नहीं, ऐसे भी मनरेगा के मजदूर इन कार्यों में शामिल हैं, जिनका न तो जॉब कार्ड बना है और न ही बैंक अकाउंट खुला है.
बेरोजगारी के चलते जनपद के लोगों को दूसरे प्रदेशों में जाकर दिहाड़ी मजदूरी का काम करना पड़ता है. ऐसे में मनरेगा इन मजदूरों के लिए एक अच्छा विकल्प साबित हुआ है. लॉकडाउन में मजदूरों को इन्हीं के गांवों में काम दिया जा रहा है. ग्रामीण मनरेगा के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में किए जा रहे काम में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.
सरकार के सशर्त आदेश के बाद ग्राम पंचायतों में मनरेगा का कार्य शुरू किया गया है. इस आदेश में कहा गया है कि मजदूरों को मास्क और सैनिटाइजर ग्राम पंचायत उपलब्ध करवाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए इनसे कार्य करवाए जाएं.