चित्रकूटः एक तरफ जहां दुनिया में कोरोना वायरस ने तबही मचा रखी हैं. वहीं दूसरी तरफ जिले में रह रहे कोल आदिवासियों को इसके बारे में नहीं पता है. पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है. इसके बारे में इन आदिवासियों को कुछ भी नहीं पता है. ईटीवी भारत ने जब इन आदिवासियों से पूछा कि कोरोना वायरस क्या है तो उन्होंने कहा कि इन्हें बस इतना पता है कि पुलिस ने आने जाने पर रोक लगा दी है.
जिले के जंगलों से सटे गांव में 40% की आबादी रहती है. इनमें से ज्यादा जनसंख्या कोल आदिवासियों की है. ज्यादातर अशिक्षित आदिवासी जंगल की लकड़ियों और फलों पर आश्रित हैं. जंगल की लकड़ियों को काट कर उसे शहरों और कस्बों में बेच कर अपना जीवन यापन करते आ रहे हैं. यह आदिवासी अब जबकि पूरा देश कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन हो चुका है और सभी शहर और कस्बे सील कर दिए गए हैं. ऐसे में आदिवासियों के जीवन यापन में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है.