चित्रकूट: शौचालयों की अहमियत और स्वच्छता पर जागरूकता बढ़ाने के लिए दुनिया भर में 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस (world toilet day) मनाया जाता है. 2018-19 में चित्रकूट जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया. लेकिन मौजूदा हालात यह है कि आज भी आपको चित्रकूट में ढेरों ऐसे लोग मिलेंगे, जिनके पास शौचालय नहीं है और है भी तो वे अधूरे पड़े हैं. जिसके कारण आज भी लोगों को शौच के लिए खुले में जाना पड़ता है. शुक्रवार को पूरे विश्व के साथ ही भारत में भी वर्ल्ड टॉयलेट डे यानी विश्व शौचालय दिवस मनाया गया.
दरअसल, शौचालय दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 2001 में विश्व शौचालय संगठन की ओर से की गई. आधिकारिक तौर पर विश्व शौचालय दिवस को 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) ने मनाने की मंजूरी दी.
वहीं, 2014 में नई सरकार के बनते ही स्वच्छ भारत अभियान का नारा दिया गया और स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक कर उन्हें खुले में शौच न जाने और उससे होने वाले नुकसानों के बारे में बताया गया. साथ ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय के निर्माण को 12 हजार (12 thousand for the construction of toilet) की सहयोग राशि दी गई.
इसे भी पढ़ें -अब चाय-नाश्ते पर होगी बात, दलितों को पढ़ाएंगे राष्ट्रवाद का पाठ!