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Published : Nov 9, 2019, 5:17 PM IST

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चित्रकूटः शिक्षा विभाग की लापरवाही, प्रिंसिपल की वाहवाही

चित्रकूट जिले में एक प्रिंसिपल ने अपने पैसों से पार्षद विद्यालय में बच्चों को टाई-बेल्ट और आईडी कार्ड वितरण कर अध्यापक ने सराहनीय पहल की. वहीं प्रिंसिपल का कहना है कि शिक्षा विभाग ने बच्चों के लिए छोट-बड़े और ज्यादातर सिर्फ एक ही पैर के जूते भेजे हैं, जिसके कारण बच्चे नंगे पैर आने पर मजबूर हैं.

शिक्षा विभाग की लापरवाही.

चित्रकूट:जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय शाहरिन में शिक्षक ने अपने पैसों से पार्षद विद्यालय में बच्चों को टाई-बेल्ट और आइडी कार्ड वितरण कर अध्यापक ने सराहनीय पहल की. वहीं प्रिंसिपल का कहना है कि शिक्षा विभाग ने बच्चों के लिए छोट-बड़े और ज्यादातर सिर्फ एक ही पैर के जूते भेजें हैं. प्रिंसिपल के इस प्रयास के बाद बच्चों के पास टाई-बेल्ट और आईडी कार्ड तो है, लेकिन सरकार की ओर से भेजे गए जूते अभी भी इनके पैरों में फिट नहीं हो पाए हैं, जिसके कारण बच्चे नंगे पैर आने पर मजबूर हैं.

शिक्षा विभाग की लापरवाही.

शिक्षा विभाग की बेहाली
शिक्षा विभाग की बेहाली चित्रकूट में साफ दिखाई देती है, जहां एक ओर पार्षद विद्यालय के प्रिंसिपल का प्रयास बच्चों को टाई-बेल्ट और आईडी कार्ड पहनाकर प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर बनाने की है. वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग की ओर से भेजे गए जूते बच्चों को फिट ही नहीं हो रहे. किसी-किसी बच्चे को तो एक ही पैर के जूते से ही संतुष्ट होना पड़ा तो कई का नंबर, उनके पैरों के नंबर से मैच ही नहीं खाया. कुछ बच्चे अपने लिए अलग-अलग पैर के जोड़ें पाकर ही इतना खुश हैं कि जैसे उन्हें सब कुछ मिल गया हो.

छोटे-बड़े जूते
जब प्रिंसिपल सुरेश चन्द्र से इस सम्बंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जो जूते वितरण के लिए भेजे गए थे, उनमें से कुछ वितरण भी हो गया है बाकी बचे जूते एक ही पैर के होने से वितरित नहीं हो सके हैं. एक ही पैर के जूते और छोटे-बड़े जूते होने से उनके जोड़े नहीं बन सके.

प्रिंसिपल का सराहनीय कार्य
प्रिंसिपल सुरेश चन्द्र का मानना है कि हमारे छात्र छुट्टियों में किसी कस्बे या शहर में जाकर दूसरे इंग्लिश मीडियम या कॉन्वेंट स्कूल के बच्चों को देखते थे, तब इनके मन में हीनभावना आती थी कि काश हम लोग भी कॉन्वेंट विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर सकते. इन ग्रामीण छात्रों में हीन भावना न पनपे इसलिए निजी पैसों से टाई-बेल्ट और आई कार्ड वितरण किया गया है.

लापरवाही का जिम्मेवार कौन
शिक्षा विभाग की इस लापरवाही पर चित्रकूट के बीएसए प्रकाश सिंह का कहना है कि मुझे जानकारी नहीं थी जल्द ही जांच कर विद्यालय में जूता-मोजा वितरण होगा. विद्यालय की ओर से भेजा गया जूता-मोजा किसी दूसरे विद्यालय में चला गया होगा, जिसे हम प्रिंसिपल से बात करके सही करा लेंगे.

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