चित्रकूट:जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय शाहरिन में शिक्षक ने अपने पैसों से पार्षद विद्यालय में बच्चों को टाई-बेल्ट और आइडी कार्ड वितरण कर अध्यापक ने सराहनीय पहल की. वहीं प्रिंसिपल का कहना है कि शिक्षा विभाग ने बच्चों के लिए छोट-बड़े और ज्यादातर सिर्फ एक ही पैर के जूते भेजें हैं. प्रिंसिपल के इस प्रयास के बाद बच्चों के पास टाई-बेल्ट और आईडी कार्ड तो है, लेकिन सरकार की ओर से भेजे गए जूते अभी भी इनके पैरों में फिट नहीं हो पाए हैं, जिसके कारण बच्चे नंगे पैर आने पर मजबूर हैं.
शिक्षा विभाग की बेहाली
शिक्षा विभाग की बेहाली चित्रकूट में साफ दिखाई देती है, जहां एक ओर पार्षद विद्यालय के प्रिंसिपल का प्रयास बच्चों को टाई-बेल्ट और आईडी कार्ड पहनाकर प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर बनाने की है. वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग की ओर से भेजे गए जूते बच्चों को फिट ही नहीं हो रहे. किसी-किसी बच्चे को तो एक ही पैर के जूते से ही संतुष्ट होना पड़ा तो कई का नंबर, उनके पैरों के नंबर से मैच ही नहीं खाया. कुछ बच्चे अपने लिए अलग-अलग पैर के जोड़ें पाकर ही इतना खुश हैं कि जैसे उन्हें सब कुछ मिल गया हो.