चित्रकूट: जिले के कस्बे मानिकपुर के तमाम वार्ड की दलित महिलाओं ने नगर पंचायत का घेराव किया. इन महिलाओं का आरोप है कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के बाद हमारी दिहाड़ी मजदूरी बंद है. हमें शासकीय लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे हमारी स्थिति बद से बदतर होती जा रही है.
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के बाद हुए लागू हुए लॉकडाउन से कई दिहाड़ी मजदूरों की मजदूरी बंद होने से इनके आगे परिवारिक भरण पोषण की समस्या सामने खड़ी हो गई है. वहीं इन दिहाड़ी मजदूरों और कामगारों के लिए सरकार ने अपने आपातकालीन कोष को खोल दिया गया है. ऐसे में जिला प्रशासन के कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा गांव-गांव पहुंचकर उन्हें रसद सामग्री के साथ-साथ शासकीय सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही है.
लॉकडाउन के दौरान मदद न मिलने का आरोप
वहीं बीस हजार की आबादी वाले मानिकपुर कस्बे में इन दिहाड़ी मजदूरों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी नगर पंचायत मानिकपुर को दी गई है, लेकिन शनिवार को मानिकपुर के तमाम वार्ड की महिलाओं ने एकजुट होकर सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के नियमों को दरकिनार करते हुए नगर पंचायत का घेराव कर दिया. इन महिलाओं का आरोप है कि उन्हें शासकीय योजनाओं का समुचित लाभ मिल पा रहा है, जिससे उनकी स्थिति बद से बदतर होती जा रही है.