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भूंखे गोवंशों ने बाड़ा तोड़कर किसानों की फसल की चट, भुखमरी की कगार पर किसान

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में स्थाई बने गोशाला के गोवंशों ने बाड़ा तोड़कर किसानों की 50 से 60 बीघे की फसल चट कर दी है. किसानों का आरोप है कि 4 दिन से गोवंश भूखे प्यासे थे जिस कारण गोवंशों ने बाड़ा तोड़कर फसल चट कर दी.

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भूंखे गोवंशों ने बाड़ा तोड़कर किसानों की फसल की चट

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Published : Dec 11, 2019, 3:14 AM IST

चित्रकूट: गो संरक्षण व गो संवर्धन के लिए बनाई गई स्थाई गोशालाओं में खुले आसमान के नीचे हैं ठंड में गोवंश रहने को मजबूर हैं. भूख प्यास से दम तोड़ रहे गोवंश बाड़ा तोड़कर अपनी जान बचा रहे. वहीं चित्रकूट के पाठा के कुछ गरीब किसानों के ऊपर अब भुखमरी का संकट गहराने लगा है. बाड़ा तोड़कर लगभग 400 गोवंश ने किसानों की 50 से 60 बीघे की फसल चट कर दी है.

भूंखे गोवंशों ने बाड़ा तोड़कर किसानों की फसल की चट.
उत्तर प्रदेश की धर्म नगरी चित्रकूट में गोवंशों के संरक्षण और संवर्धन के लिए स्थाई गो आश्रय केंद्र में अन्ना गोवंश को भूसा, चारा और पानी की व्यवस्था की बात कही गई है, लेकिन जिम्मेदार अफसर सरकार के किए गए कामों पर पलीता लगा रहे हैं.
  • चुरेह कशेरुवा गांव के स्थाई गो आश्रय केंद्र में लगभग 400 से 500 गोवंश को आश्रय दिया गया है.
  • इन गोवंशों की सेवा के लिए कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं.
  • ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्थाई आश्रय केंद्र में 4 दिनों से गोवंश भूखे, प्यासे बंधे हैं.
  • गोवंशों को किसी भी तरह की भूसा, चारे की कोई व्यवस्था नहीं की गई.

ठड़ में ठिठुरने को मजबूर गोवंश
ग्रामीण भोला ने बताया कियह गोवंश 4 दिनों से भूखे प्यासे थे. इन्हें चारा पानी भी नहीं मिला जबकि एक गोवंश का बच्चा भूख प्यास और ठंड के चलते अपनी जान गवां बैठा है.

बाड़ एक तरफ से बाड़ कमजोर थी. जिसे जानवरों ने धक्का देकर तोड़ दिया. इस गो आश्रय केंद्र में गोवंशो के खाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पुआल और पानी था. भूसे के लिए हमने आदेशित कर दिया है. वही जल्द ही गो आश्रय केंद्र में टीन शेड से छाया भी कर दिया जाएग, ताकि गोवंश ठंड में न रहें.
-संगम लाल गुप्ता, उपजिलाधिकारी

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