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वित्तविहीन शिक्षक को सीएम योगी ने दिया मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार - चित्रकूट समाचार

राजधानी लखनऊ स्थित लोक भवन में शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने वित्तविहीन कॉलेज के शिक्षकों को सम्मानित किया. इस दौरान सीएम योगी ने चित्रकूट मुख्यालय स्थित जेपी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य जेपी मिश्रा को मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित किया.

सीएम योगी ने दिया मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार.

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Published : Sep 7, 2019, 11:11 PM IST

चित्रकूट: मुख्यालय स्थित जेपी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य जेपी मिश्रा को शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार उनकी उत्कृष्ट सेवा और सकारात्मक कार्यों के लिए दिया गया है. शिक्षक दिवस के अवसर पर पहली बार वित्तविहीन शिक्षकों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया.

जानकारी देते जेपी मिश्रा.


नकद और प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित
लखनऊ स्थित लोक भवन में 5 सितंबर सुबह 11:00 बजे शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग के शिक्षकों को सम्मानित किया. इन शिक्षकों को 25 हजार रुपये नगद, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.

1978 में विद्यालय का निर्माण कराया
ग्रामीण पृष्ठभूमि में पले बड़े जेपी मिश्रा राजापुर क्षेत्र स्थित पटना खालसा गांव से हैं. सन 1958 में जन्मे जेपी मिश्रा हमेशा से ही समाज सेवा और शिक्षा के प्रति समर्पित रहे हैं. गरीब बच्चे कैसे पढ़े और उन्हें अच्छी और बेहतर शिक्षा कैसे मिले, इस प्रयास में 1978 में उन्होंने जेपी इंटरमीडिएट कॉलेज नाम से विद्यालय स्थापित किया. आज इसी विद्यालय में हजारों की संख्या में गरीब छात्रों को पढ़ने का अवसर मिल रहा है. शिक्षा में पूर्ण समर्पित 22 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके जेपी मिश्रा बताते हैं कि पढ़ना और पढ़ाना उन्हें बहुत ही अच्छा लगता है.

लगन और मेहनत से बने शिक्षक
उन्होंने बताया कि शिक्षा के प्रति लोग तब उतने गंभीर नहीं थे, साधन और संसाधन की पूर्णतया कमी थी. माता-पिता भी साधारण किसान थे. फिर भी लगन और मेहनत से बछरन कॉलेज से दसवीं और बारहवीं किया इसके बाद स्नातक और हिंदी से एम ए करने के बाद बीएड कर पूर्ण कालीन शिक्षक बन गए.

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शिक्षित कर दे रहे नई दिशा
जेपी मिश्रा बताते हैं कि उन दिनों नौकरियां बहुत ही आसान थी, वह चाहते तो कहीं नौकरियां कर लेते, लेकिन हर एक को शिक्षा के प्रति जागरूक करना उनका उद्देश्य रहा. उनका मानना है कि एक शिक्षित व्यक्ति ही अच्छे समाज और परिवार का सुधारक है. इसीलिए उन्होंने स्वयं के धन से सन 1978 में स्कूल का निर्माण कराया जूनियर हाईस्कूल और इंटर के सभी विषयों की मान्यता प्राप्त कर बेहतरीन संचालन कर समाज में शिक्षा के प्रति एक दिशा दी.

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