चित्रकूट : जिले के चूरेह गांव में टिड्डी दल के आने को लेकर मुनादी की गई. ग्रामीणों तक इस तरह से सूचना पहुंचाने का तरीका खूब अनोखा रहा. क्योंकि लाउडस्पीकर के इस दौर में मुनादी लोगों को सूचना देने का एक पारंपरिक तरीका है. दरअसल, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई शहरों व गांवों में राजस्थान से आए टिड्डी दल ने हमला कर किसानों की फसलें और पेड़-पौधों को काफी नुकसान पहुंचाया है.
चित्रकूट : गांव में की गई मुनादी...'सुनो-सुनो-सुनो टिड्डी दल से जरा बच कर'
जनपद के चूरेह गांव में टिड्डी दल के हमले की आशंका को लेकर पंचायत ने मुनादी कराई. लाउडस्पीकर का इस्तेमाल न कर मुनादी के जरिये ग्रामीणों को सूचित करने का ये तरीका लोगों को खूब पसंद आया.
बता दें कि जैसे ही ग्राम पंचायत को खबर हुई कि टिड्डी दल कभी भी चित्रकूट के गांव को प्रभावित कर सकता है, तो उन्होंने सारे गांव में मुनादी करवा दी. उत्तर प्रदेश के झांसी-बांदा के रास्ते चित्रकूट के राजापुर और कर्वी व मध्य प्रदेश से सटे मानिकपुर में सतना व पन्ना की ओर से टिड्डी दलों के आने की आशंका बनी हुई है, जिसको देखते हुए प्रशासन काफी चौकन्ना नजर आ रहा है.
कृषि निदेशक टीपी शाही ने बताया कि सन् 1981-82 में ऐसे ही टिड्डी दलों ने हमारे देश में हमला किया था, जिसके बाद तत्कालीन प्रशासन ने हेलीकॉप्टर और हवाई जहाज के जरिए रसायनिक छिड़काव कर टिड्डी दलों को रोकने की कोशिश की थी. इन टिड्डी दलों से किसानों की फसलें और पेड़-पौधों को काफी नुकसान पहुंचता है. यह टिड्डी दल जिस गांव में बैठ जाता है, वहां की फसलें व पेड़ पौधों की पत्तियां कुछ ही समय के अंतराल में चट कर देता है. इनसे बचाव के लिए टीन, थाली व अन्य ध्वनि यंत्रों का इस्तेमाल कर इनको भगाया जा सकता है.