चित्रकूट:अपराध और अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस अभियान चला रही है. शुक्रवार को चित्रकूट में एसओजी टीम ने मुठभेड़ के बाद 50 हजार के इनामिया डाकू हनीफ को गिरफ्तार कर लिया. गोली लगने से घायल हुए बदमाश को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मानिकपुर में भर्ती कराया गया है.
चित्रकूट: पुलिस की ददुआ गैंग के डाकू से मुठभेड़, गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में शुक्रवार को ददुआ गैंग का सक्रिय सदस्य रहा डाकू हनीफ को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. चित्रकूट पुलिस ने वांछित बदमाश पर 50 हजार रुपये इनाम घोषित किया था, जिसे शुक्रवार को मुठभेड़ के बाद धर दबोच लिया गया.
मामला चित्रकूट के थाना मानिकपुर के चुरेह कसेरूआ जंगल का है. मुखबिर की सूचना पर पुलिस और एसओजी टीम ने चित्रकूट के गांव चूरेह से सटे जंगल में दबिश दी. पुलिस से घिरता देख बदमाश ने गोलियां चला दी. हालांकि पुलिस ने बदमाश से आत्मसमर्पण करने की बात कही, लेकिन हनीफ ने पुलिस पार्टी पर ताबड़तोड़ फायरिंग करना शुरू कर दिया. दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में डाकू हनीफ के पैर में गोली लग गई. मौके पर पहुंची पुलिस को डाकू हनीफ की हैंड मेड 12 बोर राइफल और जिंदा कारतूस मिले हैं.
चित्रकूट का पाठा हमेशा से ही डाकुओं के नाम से जाना जाता रहा है. सालों तक डाकू ददुआ ने इस पाठा पर राज किया, जिसे 2007 में एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया था. डाकू ददुआ के बाद अंबिका पटेल, छोटूवा, बलखड़िया और फिर 7 लाख की इनामी डाकू बबली ने चित्रकूट के पाठा में अपनी दहशत फैला रखी थी, जिसे मध्यप्रदेश पुलिस ने साल 2019 में ढेर कर दिया. तीन दशकों तक चित्रकूट ही नहीं, बल्कि आसपास के जनपदों में खौफ का पर्याय बने रहे पांच लाख के इनामी डाकू ददुआ के समय से ही डाकू हनीफ ददुआ गैंग का कट्टर सदस्य बना रहा. पुलिस डाकुओं को लगातार खत्म करती रही और हनीफ पुलिसिया कार्रवाई से खुद को बचाता रहा. डाकू हनीफ मूलतः चित्रकूट जनपद के थाना मऊ क्षेत्र का रहने वाला है. उस पर संबंधित थाने में हत्या, डकैती और छिनैती जैसे कई मामले दर्ज हैं.