चित्रकूट:बीते 15 अप्रैल से सभी किसान गेहूं क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने लगे हैं.सरकार ने गेंहू का समर्थन मूल्य 1,925 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया है. इससे किसानों को अपनी फसलों की लागत का सही मूल्य मिल सके. चित्रकूट के किसानों की फसलों के खरीद-फरोख्त करने के लिए सरकार ने 38 गेहूं क्रय केंद्र खुलवाए हैं.
इसके साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था की गई है.
गेहूं क्रय केंद्र पर पहुंचे किसान
किसान पहुंच रहे क्रय केंद्र
लॉकडाउन का सीधा असर किसानों पर देखने को मिल रहा है. अनाज मण्डियों में खोले गए क्रय केंद्र से एक या दो ही किसान अपनी फसलों को लेकर बाजार की मण्डी पहुंच रहे हैं. ज्यादातर किसान सीमान्त या फिर लघु कृषक हैं. कम पढ़े लिखे होने के चलते जमींदारों या फिर व्यापारियों के बहकावे में आकर किसान फसलों को कम दामो में बेच देते थे. क्रय केंद्र के खुलने से वे अपनी फसलों को वहीं बेचा करते हैं.
लॉकडाउन के कारण नहीं हो सका ऑनलाइन पंजीकरण
लॉकडाउन की वजह से जनसेवा केंद्र बंद कर दिया गया. इसकी वजह से कई किसान ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करवा सकें. वहीं कुछ किसान जागरूक होकर अपने मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण करवा लिए थे. पहले किसानों को मजदूर न मिलने पर वह फसलों की कटाई-मढाई के लिए दूसरे गांव जाया करते थे. वहीं अब लॉकडाउन के वजह से उन्हें घरों में ही रहना पड़ रहा है. इसके कारण किसानों की फसलें नहीं कट पा रही है, जिससे फसलें आज भी खेतो में पड़ी है.
क्रय केंद्र के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि दीवारों पर स्लोगन और स्टिकर लगाकर किसानों को जागरूक करें. इससे किसान मास्क लगाकर, सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर गेहूं क्रय केंद्र पर आए. वहीं गेहूं क्रय केंद्र पर आने वाले किसानों के हाथ साबुन से धुलवाए जा रहे हैं और क्रय केंद्र को सैनिटाइज कराया जा रहा है.