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बुलंदशहर में दो और शिक्षिकाएं फर्जी तरीके से करती मिलीं नौकरी

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में फर्जी तरीके से नियुक्ति पाकर वेतन ले रहीं दो शिक्षिकाओं का भी मामला सामने आया है. फिलहाल दोनों गायब हैं.

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शिक्षिकाओं की फर्जी नियुक्ति

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Published : Jul 17, 2020, 4:37 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में फर्जी तरीके से नियुक्ति पाकर नौकरी करने के मामले सामने आ रहे हैं. अनामिका शुक्ला नाम के फर्जी दस्तावेजों पर कई शिक्षिकाएं नौकरी करती मिली थीं, जिसमें कई का खुलासा भी हो गया. वहीं जिले में दो फर्जी शिक्षिकाओं का मामला सामने आया है. ये दोनों फर्जी तरीके से नियुक्ति पाकर नौतरी कर रहीं थीं.

शिक्षिकाओं की फर्जी नियुक्ति.

दो और शिक्षिकाओं की थी फर्जी नियुक्ति
दरअसल प्रीति और अंजली नाम की दो शिक्षिकाएं भी फर्जी नियुक्ति पाकर वर्षों से कस्तूरबा विधालयों में पढ़ाकर और वेतन लेकर फुर्र हो गई हैं. वहीं अफसर अभी भी जांच ही कर रहे हैं. अनामिका शुक्ला नाम से कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में फर्जी नियुक्ति पाकर फर्जी तरीके से सैलरी निकालकर सालों तक प्रदेश के काफी जनपदों में शिक्षिकाएं कार्यरत रहीं. हालांकि कुछ पकड़ी गईं, तो कुछ अभी भी पकड़ से बाहर हैं.

फर्जी शिक्षिकाओं से की जाएगी रिकवरी
शासन की मंशा के मुताबिक अब फर्जी अनामिका नाम की अध्यापिकाओं की मुश्किलें बढ़ना भी लाजमी है, क्योंकि जेल जाने के साथ-साथ इनसे वेतन की रिकवरी भी की जाएगी. जिले की अगर बात की जाए तो बुलंदशहर में स्याना तहसील अंतर्गत कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की वॉर्डन का आज तक भी विभाग पता नहीं लगा पाया. हालांकि अब एफआईआर दर्ज की जा रही है. साथ ही जो भुगतान उसने इस दौरान यहां से पाया है, उसकी भी रिकवरी की जाएगी.

शिक्षिकाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज
अफसरों का कहना है कि मुकदमा लिखे जाने की तैयारियां यहां की जा रही है. वहीं ऐसे में दो और शिक्षिकाओं की जानकारी अब मिल रही है, जिनमें एक खुर्जा के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में अध्यापिका थी, तो वहीं दूसरी शिक्षिका लखावटी के कस्तूरबा गांधी विद्यालय की. सूचना के बाद से ही दोनों शिक्षिकाएं गायब हैं. इतना ही नहीं विभाग के पास इनकी कोई जानकारी भी नहीं है.

कई साल से कार्यरत थी शिक्षिकाएं
माना जा रहा है कि पिछले कई साल से दोनों फर्जी तरीके से नियुक्ति पाकर कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में नौकरी कर रही थीं. चौकाने वाली बात तो यह है कि विभाग के पास अभी ऐसा कुछ नहीं है, जिसके आधार पर ये पकड़ में आ सकें. जानकर हैरानी होगी कि अनामिका शुक्ला के नाम से कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में तैनात रही अनामिका का तो फोटो तक भी विभाग के पास रिकॉर्ड के तौर पर नहीं है. वहीं अब दो और शिक्षिकाओं का मामला संज्ञान में आने पर विभाग में हड़कंप की स्थिति है.

बेसिक शिक्षा कर रहे कार्रवाई करने के दावे
हालांकि बेसिक शिक्षा अधिकारी स्वयं इस मामले को लेकर काफी स्पष्ट दिखाई देते हैं. उनका कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. बीएसए अखण्ड प्रताप सिंह का कहना है कि वह टीम बनाकर इस मामले की गहनता से जांच करा रहे हैं. कुछ माह पूर्व जिले में बतौर बेसिक शिक्षा अधिकारी अखंड प्रताप सिंह का कहना है कि शासन से अनामिका शुक्ला नाम की अध्यापकों की जांच-पड़ताल के लिए दिशा-निर्देश दिए गए. उन्होंने तत्काल एक शिक्षिका का पता लगाया और टीम बनाकर जगह-जगह भेजी गईं.

उन्होंने बताया कि उस मामले में एफआइआर दर्ज की जा रही है. वहीं जांच के दौरान दो और मामले सामने आए हैं, लेकिन दोनों ही शिक्षिकाएं फिलहाल गायब हैं. बड़ा सवाल यह है कि आखिर जिले में फर्जी तरीके से नियुक्ति पाकर किसकी रहमों-करम पर यहां मानदेय पाया और उनको पकड़ा क्यों नहीं गया. अब जब यहां से गायब हो गई हैं तो ऐसे में विभाग अंधेरे कमरे में सूई ढूंढने का काम कर रहा है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

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