बुलंदशहर: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर फैली भ्रांतियों को खत्म करने के लिए सांसद और उत्तर प्रदेश सरकार के विधायक और पदाधिकारी जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं. शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और गौतमबुद्धनगर से सांसद डॉ. महेश शर्मा ने भी बुलन्दशहर जिले के सिकन्दराबाद नगर क्षेत्र में जनजागरण अभियान के तहत सीएए को लेकर लोगों को जागरूक किया.
जानकारी देते पूर्व केंद्रीय मंत्री. सीएए को लेकर विपक्ष फैला रहा भ्रम
बुलन्दशहर जिले के सिकन्दराबाद नगर में देर शाम तक पूर्व केंद्रीय मंत्री और गौतम बुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा ने विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया. सांसद ने CAA को लेकर बताया कि ये किसी की नागरिकता छीनने का कानून नहीं है, बल्कि नागरिकता देने का कानून है. इस मौके पर सिकन्दराबाद की विधायक विमला सोलंकी भी पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ थीं.
सिकन्दराबाद बुलन्दशहर जिले की एक तहसील है, लेकिन ये गौतमबुद्धनगर लोकसभा क्षेत्र में गिना जाता है. इस दौरान पूर्व मंत्री ने शहर में कई इलाकों में जाकर लोगों को सीएए के बारे में विस्तार से भी समझाया. उन्होंने कहा कि देशहित में कुछ बड़े फैसले पिछले कई सालों से लंबित थे. देश को काफी समय से बड़े फैसले लेने के लिये किसी राजनेता और शीर्ष नेता की जरुरत थी और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी ने देशहित में जरूरी फैंसले लिए हैं.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा के संस्थापक दीनदयाल और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की जोड़ी जाति के आधार पर कभी भी देश का बंटवारा नहीं चाहते थे, लेकिन उसके बावजूद धर्म के आधार पर देश का बंटवारा हुआ. गांधी जी भी चाहते थे कि गैर मुल्कों से आए हिन्दू-सिख शरणार्थियों को भारत में नागरिकता मिलनी चाहिए.