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बुलंदशहर: स्याना हिंसा मामले में जेल में निरुद्ध 44 आरोपियों पर लगा राजद्रोह

स्याना कोतवाली क्षेत्र के महाव गांव में गोवंश के अवशेष मिलने के बाद चिंगरावठी चौकी पर हिंदूवादी संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था और वहां पर इस हंगामे में पथराव आगजनी हुई थी. पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था. इसके बाद स्याना के तत्कालीन इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को भी मौत के घाट उतार दिया गया था.

संजय शर्मा स्याना हिंसा के आरोपियों के अधिवक्ता

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Published : Jun 29, 2019, 9:12 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: बहुचर्चित स्याना हिंसा मामले में शासन की स्वीकृति मिलने के बाद आज सीजेएम कोर्ट में हिंसा के आरोपियों पर राजद्रोह की धारा लगाने को लेकर इस पर सुनवाई हुई. इस मामले में जेल में निरुद्ध सभी 24 आरोपियों पर सीजी अमरजीत सिंह ने 124a धारा को जोड़ते हुए सभी पर राजद्रोह का मुकदमा चलाने को हरी झंडी दे दी है. 3 दिसंबर को पूरा हिंसा का घटनाक्रम हुआ था. उसके बाद इसमें 27 लोग नामजद हुए थे, जबकि करीब 60 लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा पंजीकृत किया गया था.

संजय शर्मा स्याना हिंसा के आरोपियों के अधिवक्ता

आरोपियों पर चलेगा राजद्रोह का मुकदमा:

  • 3 दिसंबर को पूरा हिंसा का घटनाक्रम हुआ था.
  • इसमें 27 लोग नामजद, जबकि करीब 60 लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा पंजीकृत किया गया था.
  • गोवंश के अवशेष मिलने के बाद चिंगरावठी चौकी पर हिंदूवादी संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था.
  • हंगामे में पथराव आगजनी हुई थी,पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था,
  • तत्कालीन इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को भी मौत के घाट उतार दिया गया था.
  • वहीं चिंगरावटी गांव के नवयुवक सुमित की भी हत्या हो गई थी.
  • इस मामले में सबसे पहले महाव गांव के जीतू फौजी का नाम निकल कर सामने आया था.
  • अभी भी नामजद आरोपियों में से कई पुलिस की पकड़ के बाहर है.

एसआईटी ने हिंसा के आरोपियों पर 124a यानी राजद्रोह की धारा उस वक्त भी लगाई थी, लेकिन आरोपियों के अधिवक्ता संजय शर्मा ने तब इस पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए कोर्ट में दलील दी थी कि शासन की अनुमति के बिना 124a यानी राजद्रोह का मुकदमा नहीं बनता है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

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