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बुलंदशहर: सरकारी दावों के बावजूद करोड़ों का गन्ना भुगतान अभी भी बकाया

देश भर में कोरोना वायरस के चलते फैली समस्याओं के बीच गन्ना किसानों की समस्या दबकर रह गयी है. बुलन्दशहर जिले के गन्ना किसानों का सैंकड़ों करोड़ रुपये शुगर मिलों पर अभी भी बकाया है. ऐसे हालात में ईटीवी भारत ने गन्ना किसानों की समस्याओं और सरकार के प्रयासों का रियलिटी चेक किया.

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Published : Jun 26, 2020, 2:31 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर में गन्ना  किसान.
बुलंदशहर में गन्ना किसान.

बुलंदशहर:पश्चिमी यूपी के सबसे बड़े जिले के तौर पर अपनी अलग पहचान रखने वाले बुलंदशहर में भी बड़ी संख्या में किसान गन्ने की खेती करते हैं. जिले के गन्ना किसानों को शुगर मिलों द्वारा भुगतान न किये जाने की वजह से खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रहीं हैं. कई किसानों का दो सालों से गन्ना का भुगतान बकाया है. इस कोरोना संक्रमण के शोर-शराबे में किसानों की आवाज दबकर रह गई है.

जानकारी देते किसान.

234 करोड़ रुपये का भुगतान अभी भी बाकी

जिले के किसानों का इस वक्त भी 58 करोड़ 84 लाख रुपया वेव चीनी मिल पर बकाया है. जिले की चारों चीनी मिलों की अगर बात की जाए तो इस पेराई सत्र में मिलों ने 703 करोड़ रुपये का गन्ना किसानों से खरीदा था. वहीं किसानों को अभी तक 234 करोड़ रुपये मूल्य के गन्ने का भुगतान नहीं किया गया है.
गन्ना उगाना उनकी मजबूरी
किसानों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि न चाहते हुए भी गन्ने की फसल उगाना उनकी मजबूरी है. जंगली जानवरों की वजह से कई बार अन्य फसलों में खासा नुकसान होता है, जबकि गन्ने की फसल कुछ हद तक सुरक्षित रह जाती है. वहीं काफी देरी से गन्ने के पैसे का भुगतान करने की वजह से उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार तो गन्ने का भुगतान होने में एक साल से ज्यादा भी लग जाता है. शुगर मिलों द्वारा गन्ने के भुगतान में लेटलतीफी ने किसानों की रीढ़ तोड़कर रख दी है.

मिल प्रशासन सरकार को दे रहे दोष
इस बारे में ईटीवी भारत ने वेव शुगर मिल के चीफ जनरल मैनेजर बीएस चौहान से भी बात की. उन्होंने बताया कि प्रदेश और केंद्र की सरकार ने सभी शुगर मिलों को लोन दिया, लेकिन वेव ग्रुप को नहीं मिला. इस वजह से उन्हें किसानों का भुगतान करने में दिक्कतें आ रही हैं. हालांकि उन्होंने दावा किया कि अब तक उनकी शुगर मिल ने किसानों का पिछले साल का शत प्रतिशत भुगतान कर दिया है. इसके अलावा 2020-21 पेराई सत्र का भी करीब 40 प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है.

पिछले वर्षों की तुलना में भुगतान करने में आई है तेजी
इस बारे में जिला गन्ना अधिकारी डी.के. सैनी ने बताया कि जिले के किसानों को इस बार शुगर मिलों के द्वारा पिछले वर्षों की तुलना में भुगतान करने में तेजी दिखाई है. जैसे ही उनकी चीनी का उठान होता है, तत्काल किसानों के खाते में भुगतान कराया जाता है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

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