बुलंदशहर: जनपद के नरसेना थाना प्रभारी और सिपाही को एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने भ्रष्टाचार के आरोप में सत्यता पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. नोएडा के एक युवक की शिकायत पर एसएसपी ने इस मामले में संज्ञान लिया और दारोगा पर लगाये गए तमाम आरोप साबित हो गए. इस पर एसएसपी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.
मामले की जानकारी देते हुए संवाददाता. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार को लेकर सख्त दिखाई दे रहे हैं. लगातार भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. बुलंदशहर एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने गुरुवार को जिले के नरसेना थाना प्रभारी और एक कॉन्स्टेबल को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया है. एसएसपी के कार्यालय में 31 दिसंबर को कविंद्र निवासी ग्राम सैनी थाना ईकोटेक-थर्ड, जनपद गौतमबुद्ध नगर ने उपस्थित होकर एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था.
पुलिस चेकिंग के दौरान रोकी गई थी गाड़ी
इस पत्र में दर्शाया गया था कि वह 24 दिसंबर को शाम करीब 5 बजे अपनी महिला मित्र के साथ थाना नरसेना क्षेत्र से गुजर रहा था. तभी थाना नरसेना पुलिस द्वारा चेकिंग के दौरान उसकी गाड़ी रोक ली और चेक किया गया. प्रार्थना पत्र देने वाले कविंद्र के साथ आई महिला मित्र को उसके गांव छोड़ने के बाद कविंद्र और उसके दोस्त को गाड़ी के साथ नरसेना पुलिस थाने ले आई थी. इतना ही नहीं, प्रार्थना पत्र में लिखा गया है कि तमंचे, गांजे को रखने का भय दिखाकर इन तमाम आरोपों में गिरफ्तारी का भय थाना प्रभारी ने दिखाया. इतना ही नहीं, गलत ढंग से पैसे की मांग करने का आरोप भी एसएसपी को दिए प्रार्थना पत्र में लगाया गया.
पुलिस ने किया सिपाही और दारोगा को निलंबित
अगले दिन 25 दिसंबर को थाने में दोनों का चालान धारा 144 के अंतर्गत करने एवं गाड़ी का चालान किए जाने के संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण को बुलंदशहर एसएसपी के द्वारा जांच करने के लिए कहा गया. मामले की जांच में सत्यता पाई गई. इस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा थानाध्यक्ष संजय कुमार और आरक्षी मनीष कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इस बारे में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने कहा कि अगर कोई पुलिस का कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.