बुलंदशहर: जिले में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शारदा अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के जरिए दावे किए जा रहे हैं कि जो बच्चे स्कूलों तक नहीं जा रहे हैं, ऐसे 6 से 14 साल तक के बच्चों को चिह्नित करके उनका दाखिला कराया जा रहा है, लेकिन जिले में यह अभियान सिर्फ बेसिक शिक्षा विभाग के दफ्तर की चारदीवारी में ही सिमट कर रह गया है.
बुलंदशहर: स्कूल नहीं... कूड़े के ढेर में सिमट रहा देश का भविष्य - sharda campaign in bulandshahr
जिले में 6-14 वर्ष तक के बच्चों को शारदा अभियान के तहत चिह्नित कर स्कूल में दाखिला दिलाना था, लेकिन जिले में ये अभियान परवान न चढ़ सका. ऐसे में तमाम बच्चे कूड़े के ढेर में सिमट कर रह गए हैं.
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फिसड्डी साबित हो रहा 'शारदा अभियान'
- जिस उद्देश्य से शारदा अभियान की शुरुआत फरवरी महीने में की गई थी, उसका असर फिलहाल कहीं नजर नहीं आ रहा.
- इसमें खास तौर पर 6-14 साल तक के बच्चों का चयन किया जाना था, लेकिन ऐसे बच्चे जिले में कूड़ा बीनते देखे जा सकते हैं.
- हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग का दावा है कि इसमें करीब 3800 बच्चों का जिले भर में अब तक चिह्नित कर लिया गया है.
- महकमे के अफसरों की मानें तो ऐसे सभी पात्र बच्चों के विद्यालयों में एडमिशन भी कराए जा रहे हैं.
जिस शारदा अभियान के जरिए 6 साल से लेकर 14 साल तक के बच्चों को स्कूल की दहलीज पर पहुंचाने की बातें हो रही हैं, वहीं स्कूल टाइम में तमाम ऐसे भी बच्चे हैं, जो नालों की सफाई व कूड़ा बीनने को मजबूर हैं.
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST