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विधानसभा उपचुनाव: रालोद ने बुलंदशहर से प्रवीण कुमार को बनाया प्रत्याशी, सपा का भी मिला समर्थन - प्रवीण कुमार सिंह

उत्तर प्रदेश में आगामी माह में रिक्त पड़ी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इसको देखते हुए राष्ट्रीय लोक दल ने बुलंदशहर सदर से पार्टी के पुराने नेता प्रवीण कुमार सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है. राष्ट्रीय लोक दल के उम्मीदवार का समर्थन समाजवादी पार्टी भी करेगी.

rld made praveen kumar candidate
रालोद ने बुलंदशहर से उपचुनाव के लिए प्रवीण कुमार सिंह को बनाया प्रत्याशी.

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Published : Oct 10, 2020, 10:20 PM IST

बुलंदशहर:उत्तर प्रदेश में उपचुनाव को लेकर बिगुल बज चुका है. तीन नवम्बर को जिले में मतदान होना है. बहुजन समाज पार्टी ने जहां भूतपूर्व विधायक हाजी अलीम के भाई हाजी यूनुस को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने सुशील चौधरी को अपना कैंडिडेट घोषित किया है. अब राष्ट्रीय लोक दल ने भी समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है. बुलंदशहर सदर सीट पर राष्ट्रीय लोक दल की तरफ से प्रवीण कुमार सिंह को उम्मीदवार घोषित किया गया है.

रालोद ने बुलंदशहर से उपचुनाव के लिए घोषित किया प्रत्याशी.

गौरतलब है कि प्रवीण कुमार सिंह काफी लंबे समय से राष्ट्रीय लोक दल से जुड़े हैं और पार्टी के प्रवक्ता भी रहे हैं. प्रवीण कुमार बुलंदशहर जिले के गुलावठी थाना क्षेत्र के गांव भटौना के मूल निवासी हैं. गौर करने वाली बात यह है कि भटौना गांव भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का पैतृक गांव है और पार्टी द्वारा घोषित किए गए उम्मीदवार प्रवीण कुमार राजनीतिक परिवार से ही आते हैं.

रालोद नेता प्रवीण कुमार सिंह उर्फ पी.के. भूतपूर्व मंत्री जगवीर सिंह के पुत्र हैं. जगवीर सिंह अपने समय के बड़े चर्चित राजनेताओं में गिने जाते थे, जो कि केंद्र में मंत्री भी रहे थे. मीडिया से मुखातिब होते हुए राष्ट्रीय लोक दल के उम्मीदवार प्रवीण कुमार सिंह ने कहा कि उनके पास चुनाव लड़ने और जनता के बीच जाने के लिए सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि देश की राजधानी के नजदीक होने के बावजूद भी बुलंदशहर का कभी कोई विकास नहीं हुआ.

प्रवीण कुमार सिंह.

प्रवीण कुमार ने कहा कि जनप्रतिनिधियों ने कभी बुलंदशहर की सुध ही नहीं ली, जिस वजह से दिल्ली के पास होने के बावजूद भी बुलंदशहर अभी भी पिछड़ा हुआ है. उन्होंने प्रदेश सरकार पर भी सवाल खड़े किए.

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गौरतलब है कि बुलंदशहर सदर विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा था. बीजेपी की तरफ से यहां वीरेंद्र सिरोही विधायक थे, जो कि भारतीय जनता पार्टी के पश्चिमी यूपी के कद्दावर जाट नेताओं में गिने जाते थे और पूर्व में प्रदेश के राजस्व मंत्री भी रहे थे. उनके आकस्मिक निधन के बाद बुलंदशहर सदर सीट रिक्त हो गई थी. अपने आखिरी दिनों में वीरेंद्र सिरोही बतौर मुख्य सचेतक भाजपा विधानमंडल दल जिम्मेदारी निभा रहे थे. आरएलडी ने भी यहां जाट केंडिडेट पर ही भरोसा जताया है.

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