बुलंदशहर:जिले में सदर सीट पर होने वाला उपचुनाव काफी रोचक हो चुका है. 30 साल से भाजपा में रहीं डॉक्टर उर्मिला राजपूत ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर दिखाया है. इस उपचुनाव में वह प्रत्याशियों को कड़ी चुनौती दे रही हैं. उनका कहना है कि तीस साल तक सेवा करने पर भी उन्हें भाजपा ने महत्व नहीं दिया. बता दें, डॉक्टर उर्मिला राजपूत बुलंदशहर उपचुनाव में मजबूती से ताल ठोंक रही हैं और लोध राजपूत बिरादरी की जिले में मजबूत नेता मानी जाती हैं.
बुलंदशहर: बीजेपी की बागी उर्मिला लोधी राजपूत ने उपचुनाव को बनाया रोमांचक - rashtriya kranti party candidate urmila lodhi rajput
डॉक्टर उर्मिला राजपूत बुलंदशहर उपचुनाव में मजबूती से ताल ठोंक रही हैं. बीजेपी का दामन छोड़ उर्मिला राष्ट्रीय क्रांति पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में हैं. भाजपा में करीब 30 साल तक रहीं उर्मिला लोधी राजपूत ने बुलंदशहर में भाजपा से बगावत करके कड़े तेवर दिखा रही हैं.
पीएचडी हैं उर्मिला राजपूत लोधी
डॉ उर्मिला लोधी राजपूत दो बार जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं. पार्टी में महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं. साथ ही महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देकर उन्होंने उपचुनाव में उतरने का फैसला लिया था. शिक्षा की अगर बात की जाए तो पेशे से प्रधानाचार्य उर्मिला राजपूत पीएचडी होल्डर हैं.
निर्णायक स्थिति में हैं लोधी राजपूत मतदाता
बुलंदशहर सीट की अगर बात की जाए तो यहां लोधी राजपूत निर्णायक स्थिति में है. अगर ऐसे में उर्मिला लोधी राजपूत ने अपने समाज के लोगों को साथ लिया तो भाजपा की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. हालांकि उनके उपचुनाव में उतरने से सिर्फ और सिर्फ बीजेपी को नुकसान संभव है ऐसे में भाजपा के सामने कड़ी चुनौती यहां है. वहीं भाजपा की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र और एटा सांसद राजवीर सिंह लोध राजपूत मतदाताओं को साधने बुलंदशहर आये थे.
पिछले दिनों बुलंदशहर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया था. उस वक्त खास बात यह थी कि मंच पर नेताओं के फोटो लगे हुए थे उनमें कहीं भी कल्याण सिंह या लोध राजपूत समाज के किसी नेता की तस्वीर नहीं थी. जिसे उर्मिला समाज के लोगों में पहुंचकर बार बार अवगत करा रही हैं.