बुलन्दशहर: लोकसभा चुनावों के दौरान बुलंदशहर में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों और अपनी ड्यूटी ना करने वाले कार्मियों के खिलाफ तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी ईशा दुहन ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद ऐसे 64 लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. हालांकि उनमें से 12 कार्मिकों ने अपनी परेशानी का हवाला देते हुए खुद को बचा लिया था, जिसके बाद उनकी तनख्वाह भी रिलीज हो गयी थी, लेकिन बचे हुए 52 कार्मिकों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हो गया था.
चुनावी ड्यूटी न करने वालों पर पुन: मंथन जारी पिछले दिनों सीडीओ ईशा दुहन का बुलन्दशहर से मेरठ स्थानांतरण हो गया. हालांकि सीडीओ ईशा दुहन ने जाते-जाते अपना स्थानांतरण होने से पहले ही ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के वेतन पर लगी रोक को भी हटाने का आश्वासन दिया था.
क्या है पूरा मामला-
- लोकसभा चुनाव के दौरान तरह-तरह के बहाने बनाकर लोगों ने चुनाव ड्यूटी करने से बचने की कोशिश की थी,
- उस वक्त चुनावी माहौल था और प्रशासनिक स्तर पर बार-बार ऐसे लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को ड्यूटी के लिए चेताया भी गया था.
- लोकसभा चुनावों के दौरान बुलंदशहर में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों और अपनी ड्यूटी ना करने वाले कार्मिकों के खिलाफ तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी ईशा दुहन ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे.
- जिसके बाद ऐसे 64 लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी,
- उनमें से 12 कार्मियों ने अपनी परेशानी का हवाला देते हुए खुद को बचा लिया उनकी तनख्वाह भी रिलीज हो गयी थी.
- बचे हुए 52 कार्मिकों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हो गया था.
- पिछले दिनों ईशा दुहन का बुलन्दशहर से मेरठ स्थानांतरण हो गया
- सीडीओ ईशा दुहन ने जाते-जाते अपना स्थानांतरण होने से पहले ही ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के वेतन पर लगी रोक को भी हटाने का आश्वासन दिया था.
- लेकिन कर्मचारियों के लिए तत्कालीन सीडीओ के द्वारा कराई गई एफआईआर अभी भी इनके गले की फांस बनी हुई है
- वर्तमान मुख्य विकास अधिकारी सुधीर कुमार रूंगटा का कहना है कि वो इन मामलों में लचीलापन अपना रहे हैं और आने इस विषय में पुन: विचार करने की तैयारी की जा रही है.
लोकसभा चुनाव के समय कुछ कर्मचारियों ने जानबूझ कर ड्यूटी करने से मना कर दिया था. कुछ पर एफ आई आर लगा दिया गया था कुछ अभी भी भटक रहे हैं हैं उनके खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं की गयी है. इस पर विचार किया जायेगा कोई ठोस और वास्तविक कारण अगर होगा तो उसपर विचार किया जायेगा अगर किसी अन्य कारणों के कारण ड्यूटी में अगर लापरवाही किये हैं तो कोई विचार नहीं किया जायेगा.
-सुधीर कुमार रूंगटा,सीडीओ, बुलन्दशहर