बुलंदशहर: दिवाली के बाद से देश की राजधानी और एनसीआर में हवा पूरी तरह से दूषित हो चुकी है. आलम ये है कि सोमवार से हवा में बारूदी धुआं फैलना शुरू हुआ और मंगलवार सुबह से दिन ढले तक भी धुंध की चादर छाई रही. इससे आंखों में जलन और सांस लेने में भी लोगों को परेशानी हो रही है.
दिवाली के बाद से हवा हुई दूषित. छाई रही धुंध की चादर
दीपावली के पावन पर्व पर देर रात तक हुई आतिशबाजी की वजह से अगले दिन सुबह से ही आसमान पर धुंध की चादर छा गई थी, जो कि अभी तक हल्का होने का नाम नहीं ले रही है. इस धुंध से लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है .धुएं से आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी हो रही है, तो वहीं लोगों के गले भी खराब हो रहे हैं.
देर रात तक चली आतिशबाजी
पिछले कई वर्षों से इन दिनों में इस रोग का प्रकोप हर साल बढ़ जाता है. इसी को ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार ने दीपावली पर्व पर आतिशबाजी के लिए सिर्फ 8 बजे से 10 बजे तक का समय निर्धारित किया था. सरकार का इरादा साफ था कि आतिशबाजी के बाद होने वाले धुएं से वायु प्रदूषण कम फैले और लोगों को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े. मगर इसके बावजूद लोगों ने दीपावली पर देर रात तक आतिशबाजी की जिसका असर सोमवार सुबह से ही दिखने लगा.
धुएं से लोगों को हो रही समस्या
बुलंदशहर से गुजरने वाले राहगीर मास्क लगाए दिखे. सुबह से ही लोगों की आंखों में जलन होने लगी और सांस लेने में परेशानी भी होने लगी. बताया जाता है कि स्मोग छोटे बच्चे और अस्थमा के रोगियों के लिए बेहद घातक है. गौरतलब है कि दिल्ली एनसीआर में दीपावली से पहले ही घर से बाहर निकलने वाले लोगों का जीना मुहाल हो रखा था. खासतौर से नौनिहालों और बुजुर्गों पर ये धुंआ विपरीत असर डाल रहा है.
ईटीवी भारत से बातचीत में लोगों ने गिनाई समस्याएं
इस बारे में लोगों से भी ईटीवी भारत ने बात की. बातचीत में सभी ने जहरीली होती हवा से होनी वाली तकलीफें गिनाईं. बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, बल्कि पिछले कई सालों से दीपावली के बाद पर्यावरण दूषित होता आ रहा है.