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बुलंदशहर: वीआईपी नम्बरों पर भी महंगाई की मार, घटा राजस्व - मंहगाई बढ़ने से नहीं ले रहा कोई वीआईपी नंबर

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में मंहगाई बढ़ने से वीआईपी नंबर भी मंहगे हो गए हैं. नंबर मंहगे होने से लोग वीआईपी नंबर लेने से कतरा रहे हैं, जिससे कि परिवहन विभाग को हो रहे हानि का सामना करना पड़ रहा है.

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मोहम्मद कय्यूम,एआरटीओ प्रशासन

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Published : Dec 18, 2019, 9:27 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: महंगाई की मार से कुछ भी अछूता नहीं है, अब वाहनों के वीआईपी नम्बर्स भी लोगों को नहीं लुभा पा रहा है. वीआईपी श्रेणी के करीब 250 नम्बर अलग-अलग सेगमेंट में शामिल है. पहले लोगों में अपने वाहन के लिए क्रेज था, वहीं महंगाई के बाद ये क्रेज भी घटा गया है.

जानकारी देते संवाददाता.
अट्रैक्टिव दिखने वाले नंबरों की कीमत में वृद्धि
कुछ माह पूर्व यातायात के नियमों में बदलाव किये गए थे. इसके बाद न सिर्फ नियम तोड़ने वालों के लिए जुर्माने की राशि में बढ़ोतरी की गई बल्कि अट्रैक्टिव दिखने वाले वाहनों के नम्बरों की कीमत में भी खासा वृद्धि की गई. जहां पहले महज अधिकतम 15 हजार रुपये में अति विशिष्ठ श्रेणी के नम्बर मिल जाता था.

कुछ माह पहले से वीआईपी नम्बर्स को भी काफी महंगा कर दिया गया है. अब चार पहिया वाहन के लिए सबसे अट्रैक्टिव नम्बर्स जैसे 1,2,3,4,5,6,7,8,9 इत्यादि के लिए एक लाख रुपये की बोली बोलना वो भी नीलामी प्रक्रिया के तहत अनिवार्य हो गया है.

गायब हो रहा है वीआईपी कल्चर
वीआईपी 250 ऐसे नम्बर्स है जो अलग-अलग सेगमेंट में शामिल हैं. दोपहिया वाहनों के लिए कम से कम 15 हजार रुपये इस सीरीज के नम्बर्स के लिए खर्च करना अनिवार्य हो गया है. ईटीवी भारत ने इस विषय पर जांच-पड़ताल भी की. विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने वीआईपी कल्चर संभागीय परिवहन विभाग से गायब होता दिखाई दिया.

अगर बुलन्दशहर की बात की जाए तो क्षेत्रीय उपसंभागीय परिवहन विभाग को वीआईपी कल्चर गायब होने से घाटा भी बढ़ा है. पिछले साल के मुकाबले चार पहिया वाहन मालिक वीआईपी कल्चर से दूर होते दिख रहे हैं, तो वहीं दुपहिया वाहन चालक भी वीआईपी कल्चर से दूर होते दिखाई दिए.

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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

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