बुलंदशहर: कोरोना संकट काल में प्रशासन ने बेसहारा गोवंशों के लिए एक प्लान तैयार किया है. इस प्लान के तहत गोवंशों को हरा चारा उपलब्ध कराया जाएगा. मेरठ मंडल में सर्वाधिक बेसहारा गोवंश जिले में ही संरक्षित हैं. यहां सबसे अधिक पशुओं के लिए आश्रय स्थल भी हैं. जिले में कुल 154 गोशालाओं में वर्तमान में 10,300 से अधिक गोवंश हैं, जिनके लिए प्रतिदिन शासन स्तर से प्रति गोवंश 30 रुपये की धनराशि गोवंश डाइट के तौर पर उपलब्ध कराई जाती है, जो निश्चित तौर पर कम पड़ रही है.
ऐसे में अब जिला प्रशासन ने यहां एक प्लान तैयार किया है. इस प्लान के तहत भारतीय ग्रास अनुसंधान संस्थान झांसी में वैज्ञानिकों से चर्चा करके न्यूजीलैंड प्रजाति की 'नेपियर हाइब्रिड ग्रास' को उगाने की तैयारी है. इस बारे में मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक पांडेय ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जिले के ग्राम समाज की चरागाह भूमि पर मनरेगा के तहत कार्य कराते हुए घास उगाने के लिए प्रशासन ने एक प्लान तैयार किया है. उन्होंने बताया कि इससे गोशालाओं में रह रहे गोवंशों के लिए हरे चारे की व्यवस्था हो सकेगी.
जल्द गोशालाओं को उपलब्ध कराया जाएगा चारा
मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक पांडेय ने बताया कि 'नेपियर हाइब्रिड ग्रास' मूलतः न्यूजीलैंड की एक प्रजाति है. इसके लिए प्रदेश के झांसी रिसर्च सेंटर से इस हाइब्रिड ग्रास की जड़ें मंगाने के लिए वैज्ञानिकों से भी बात हो चुकी है. इसे झांसी से मंगाने के लिए प्लान तैयार करके जल्द ही गोशालाओं में रह रहे गोवंशों को पर्याप्त चारा उपलब्ध कराने के लिए इसे उगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि चरागाह की जमीनों में 60 फीसदी जमीन को चिन्हित कर लिया गया है. मनरेगा मजदूरों के सहयोग से नेपियर ग्रास को उगाया जाएगा.