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बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी की किताब 'मेरा अपराध' खोलेगी दंगों का रहस्य

बुलंदशहर जिले के स्याना कोतवाली क्षेत्र में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी शिखर अग्रवाल ने दंगों को लेकर 'मेरा अपराध' नामक पुस्तक लिखी है. आरोपी की लिखी किताब 4 जनवरी से 12 जनवरी के बीच विश्व पुस्तक मेले वाले दिनों में प्रकाशित की जाएगी.

शिखर अग्रवाल द्वारा लिखी गई पुस्तक 'मेरा अपराध'
शिखर अग्रवाल द्वारा लिखी गई पुस्तक 'मेरा अपराध'

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Published : Dec 2, 2020, 7:50 PM IST

बुलंदशहर: स्याना कोतवाली क्षेत्र के चिंगरावटी पुलिस चौकी पर हिंसा के मुख्य आरोपी शिखर अग्रवाल ने एक पुस्तक लिखी है. पुस्तक का नाम 'मेरा अपराध' है. पुस्तक में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की सर्विस रिवाल्वर और फोन आज तक न मिलने पर पुलिस जांच पर सवाल उठाए गए हैं. इस पुस्तक में आरोपी शिखर अग्रावल ने स्याना हिंसा के कई अनसुलझे पहलुओं पर प्रकाश डाला है. उसने यह पुस्तक जेल में लिखी है. 'मेरा अपराध' पुस्तक विश्व पुस्तक मेले में प्रकाशित की जाएगी.

स्याना दंगा, अनसुलझे सवाल
3 दिसंबर की तारीख ने बुलंदशहर जिले के इतिहास पर काला अध्याय लिख दिया. आज ही के दिन जिले में स्याना कोतवाली क्षेत्र के चिंगरावटी पुलिस चौकी पर खूनी संघर्ष हुआ था, जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह सहित दो लोगों की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. इस हिंसा में आज भी कुछ रहस्य अनसुलझे हैं. बता दें कि इस हिंसा में 27 नामजद और 507 अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत हुआ था. मुकदमे में 21 धारा लगाई गई थी.

विदेशों की मीडिया का भी रहा जमावड़ा
यह मामला मीडिया में सुर्खियों में रहा. भारत तो भारत विदेश की मीडिया भी मामले को कवर कर रही थी. मामले में 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, इनमें से 41 लोगों की जमानत हाईकोर्ट इलाहाबाद ने मंजूर कर दी है. तीन आरोपी अभी भी जेल में हैं.

दंगे की गाज पुलिसकर्मियों पर भी गिरी
मामले में तत्कालीन डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी और सीओ का ट्रांसफर कर सस्पेंड कर दिया गया था. रातों-रात गांव के गांव खाली हो गए थे. पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर था. दंगे का मुख्य आरोपी शिखर अग्रवाल इस पूरी घटना को इतिहास में दर्ज करने के लिए एक किताब भी लिख चुका है, जो जल्दी ही प्रकाशित होगी. किताब का नाम 'मेरा अपराध' रखा है.

पुलिस ने नामजद 27 लोगों में से करीब पांच लोगों को विवेचना में बाहर कर दिया. बाकी लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. वहीं मामले की जांच में आज तक इंस्पेक्टर सबोध कुमार सिंह से लूटी गई पिस्टल बरामद नहीं हो पाई है. यही नहीं उनका सरकारी फोन भी नहीं बरामद हुआ है. हिंसा के बाद कुछ लोगों ने तो गांव से पलायन कर दिया, जो आज तक वापस नहीं लौटे हैं. दंगे में प्रभावित हुए चिंगरावठी चौकी क्षेत्र के गांव महाव हर भानपुर, खाद मोहन नगर, बिरौली, रवानी और टटीरी आदि हैं.

हिंसा के मुख्य आरोपी शिखर अग्रावल ने बताया कि वह मेडिकल में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा था. उस समय उसका भारतीय युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष के यहां आना-जाना हुआ करता था. शिखर अग्रावल ने आरोप लगाया कि पुलिस ने निर्दोष लोगों को उस मुकदमे में जेल भेज दिया. वह अपनी पुस्तक के माध्यम से इन दंगों से संबंधित काफी रहस्यों का खुलासा करेगा. किताब 4 जनवरी से 12 जनवरी के बीच विश्व पुस्तक मेले वाले दिनों में प्रकाशित की जाएगी. शिखर अपनी पुस्तक के माध्यम से इन दंगाइयों से संबंधित काफी रहस्यों का खुलासा करेगा. पुस्तक का कवर पेज बनकर तैयार हो चुका है.

जानें क्या था मामला
3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर जिले के स्याना कोतवाली क्षेत्र में भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित नाम के युवक की मौत हो गई थी. यह हिंसा गोकशी की घटना के बाद हुई थी. स्याना हिंसा में 27 नामजद और 507 अज्ञात लोगों के खिलाफ 21 धाराओं में मामला दर्ज किया गया था. गिरफ्तार 44 आरोपियों में से 41 आरोपी जेल से जमानत पर रिहा हो चुके हैं, जबकि तीन अभी भी जेल में हैं.

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