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बुलंदशहर: राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से सम्मानित इंस्पेक्टर संजीव यादव की कोरोना वायरस से मौत

यूपी के बुलंदशहर जिले के इंस्पेक्टर संजीव यादव की बुधवार को मौत हो गई. इंस्पेक्टर संजीव यादव कुछ दिनों पहले कोरोना से संक्रमित हो गए थे. उन्हें इसी वर्ष राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से नवाजा गया था.

इंस्पेक्टर संजीव यादव की कोरोना से मौत
इंस्पेक्टर संजीव यादव की कोरोना से मौत

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Published : Jul 1, 2020, 8:11 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: जिले के गुलावठी थाना क्षेत्र अंतर्गत औरंगाबाद अहीर गांव के लाल संजीव यादव दिल्ली पुलिस में बतौर इंस्पेक्टर तैनात थे. वे कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे. कोरोना से लड़ते हुए बुधवार को उनकी इलाज के दौरान दिल्ली के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई है. जैसे ही गांव में उनके मौत की खबर पहुंची गांव में कोहराम मच गया. इसी वर्ष इंस्पेक्टर संजीव यादव को वीरता पुरस्कार से नवाजा गया था.

बुलंदशहर जिले के मूल निवासी संजीव यादव दिल्ली पुलिस में बतौर इंस्पेक्टर तैनात थे. उनका बीती रात को कोरोना संक्रमण की वजह से इलाज के दौरान दिल्ली में निधन हो गया. संजीव यादव का इलाज दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में चल रहा था.

मैक्स अस्पताल में ली आखिरी सांस
दरअसल गैलेंट्री सम्मान से सम्मानित जिले के गांव औरंगाबाद अहीर के रहने वाले संजीव यादव कोरोना से संक्रमित हो गए थे. कोरोना से लड़ते हुए संजीव इलाज के दौरान जिंदगी से जंग हार गए. संजीव यादव के भाई गांव के ही एक विद्यालय में हेडमास्टर हैं. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि संजीव यादव 1996 में पुलिस में भर्ती हुए थे. कोरोना से लड़ते हुए दिल्ली के मैक्स अस्पताल में मंगलवार देर रात उनकी मौत हो गई.

दो बार हुई थी प्लाज्मा थैरेपी
इंस्पेक्टर के भाई ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से संजीव यादव पिछले दो सप्ताह से अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनका इलाज चल रहा था. बीती देर रात को उनकी मौत हो गयी. उन्होंने बताया कि दो बार प्लाज्मा थैरेपी भी उन्हें दी गई थी, लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका.

पत्नी व बच्चों के साथ रहते थे संजीव
राजीव यादव ने बताया कि जैसे ही ग्रामीणों को सूचना हुई तो गांव से भी उनके अंतिम दर्शन के लिए काफी लोग दिल्ली गए थे. उन्होंने बताया कि बुधवार को उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में किया गया. उनके भाई ने बताया कि वर्तमान में संजीव यादव अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ रहते थे.

कोरोना से हार गया जांबाज
हम आपको बता दें कि परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र यादव के गांव के तौर पर बुलंदशहर जिले के औरंगाबाद अहीर गांव को जाना जाता है. उनके पैतृक गांव औरंगाबाद में आज गम का माहौल है. गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले संजीव यादव ने दिल्ली पुलिस में रहते हुए 20 से ज्यादा बार बदमाशों के साथ एनकाउंटर किया था. वहीं 35 से ज्यादा गैंगस्टर एवं आतंकवादियों को पकड़ने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. कई इनामी बदमाशों को उन्होंने गिरफ्तार भी किया था.

क्राइम ब्रांच में बिताया ज्यादातर समय
उनके भाई राजीव यादव ने बताया कि करीब 24 वर्ष की नौकरी में उन्होंने ज्यादातर समय क्राइम ब्रांच में बिताया था. वहीं करीब पिछले दो साल से स्पेशल सेल में तैनात थे. बीते जनवरी माह में ही उन्हें राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

उप राज्यपाल ने किए अंतिम दर्शन
इंस्पेक्टर संजीव यादव के भाई ने बताया कि दिल्ली के उप राज्यपाल समेत दिल्ली पुलिस के प्रमुख अफसर भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

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