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बुलंदशहर: परिवार से बिछड़े बंदर की देखभाल कर रहे दारोगा संजय त्यागी - बुलंदशहर में लॉकडाउन

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में परिवार से बिछड़े बंदर की मदद अब जिले के अगौता थाने के दारोगा कर रहे हैं. करीब एक महीने से दारोगा संजय त्यागी बंदर की देखभाल कर रहे है. वहीं बंदर भी उनके साथ ही रहता है.

monkey lives with the inspector
दारोगा के साथ रहता बंदर

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Published : May 6, 2020, 6:40 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर:लॉकडाउन के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इन दिक्कतों से जानवर भी अछूते नहीं रहे हैं. इस दौरान जहां पुलिस लोगों की सहायता के लिए तत्परता दिखा रही है. वहीं जानवरों के मदद के लिए भी वह आगे आ रही है. ऐसा ही एक मामला जिले के अगौता थाने से आया, जहां परिवार से बिछड़े एक बंदर के बच्चे की देखभाल अब दारोगा कर रहे हैं.

दरअसल एक बंदर का बच्चा अपने परिवार से बिछड़ने के बाद अगौता थाने जा पहुंचा. इस दौरान दारोगा संजय त्यागी थाने में मौजूद थे. इसके बाद से दारोगा ने बंदर की देखभाल करना शुरू कर दिया. बंदर को समय-समय पर खाना पानी दिया जाने लगा. वहीं बंदर को भी दारोगा से काफी लगाव हो गया, जिसके बाद से वह दारोगा संजय त्यागी के साथ ही रहने लगा.

दारोगा बने बंदर का परिवार

झुंड से बिछड़ गया था बंदर
दारोगा ने बताया कि जब वो कहीं जाते हैं तो बंदर का बच्चा थाने में ही कुर्सियों पर बैठा रहता है. वहीं कई बार वह उनके साथ ही रहता है. इतना ही नहीं बन्दर दारोगा के क्वार्टर में भी साथ-साथ आराम करता है. दारोगा संजय त्यागी ने बताया कि ये किसी तरह अपने झुंड से बिछड़ गया था और अचानक थाने में ही आ गया था और अब यहीं रहने लगा है.

दारोगा के साथ रहने लगा बंदर
उन्होंने बताया कि बंदर को खाना, पानी समय से मुहैया कराया जाता है. वहीं बंदर दारोगा के इर्द-गिर्द नजर आता है. बंदर थाने के भीतर कुर्सी पर बैठे दारोगा की बाजू पर अठखेलियां करता है, कंधे पर चढ़ जाता है और बाजू का तकिया बनाकर मेज पर ही सो भी जाता है. दारोगा संजय त्यागी की मानें तो वह बंदर की देखभाल में करीब एक माह से जुटे हैं.

थाना का स्टाफ रखता है बंदर का खयाल
दारोगा संजय त्यागी ने बताया कि वह बंदर को कई बार उसके झुंड में छोड़कर आ चुके हैं, लेकिन वह अब बार-बार थाने पर उनके पास ही वापस लौट आता है. संजय त्यागी के मुताबिक बन्दर करीब एक माह से इंसानों के बीच रह रहा है. यही कारण है कि बाकी बन्दर अब इस छोटे बन्दरों को साथ नहीं रखते और ये बेजुबान बन्दर भी बार-बार वापस आकर दारोगा के पास बैठ जाता है. थाने का सारा स्टाफ भी बन्दर के इस बच्चे से घुल मिल गया है और सभी इसका ख्याल रखते हैं.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

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