बुलंदशहर :जिले के स्याना सीएचसी में काफी दिनों से डिलीवरी के बाद नवजात को दिखाने व देने के नाम पर अवैध वसूली का धंधा चल रहा था. डिलीवरी के बाद परिजनों से करीब 2000 तक की वसूली की जा रही थी. ऐसे ही एक परिजन से अस्पताल कर्मियों ने बच्चे को देने के नाम पर पैसा मांगा जा रहा था. जिसके बाद इसकी शिकायत लोगों ने सीएमओ से कर दी. सीएमओ ने कार्रवाई करते हुए दो संविदा स्टाफ नर्स और 1 वार्ड बॉय का दूसरी जगह गोता क्षेत्र में स्थानांतरण कर दिया है.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का पूरा मामला
दरअसल, यह पूरा मामला स्याना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. यहां मुख्यमंत्री के निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रहीं थीं. आप को बता दें, अस्पताल में डिलीवरी के लिए एक महिला आई थी. अस्पताल में मौजूद स्टाफ नर्स शहरोज और प्रीति सहित 3 महिला नर्सों ने मिलकर डिलीवरी के बाद बच्चा देने के नाम पर परिजनों से 2000 हजार रुपए की मांग की.
डिलीवरी के लिए आई महिला के परिजनों का आरोप है- अस्पताल में मौजूद तीनों महिला डॉक्टरों ने डिलीवरी होने के बाद उनसे ₹2000 की मांग कर डाली. इतना ही नहीं डिलीवरी के लिए कुछ दवाइयां भी बाहर से मंगवाई गई, जिनके पैसे भी मरीजों से लिए गए. जब मरीज के परिजनों ने 2000 मांगने का विरोध किया तो महिला डॉक्टरों ने नवजात बच्चे को ही देने से इनकार कर दिया. नर्सों ने कहा- पहले पैसे फिर बच्चा. डरे-सहमे परिजनों ने किसी तरह उन्हें ₹500 दे दिए, लेकिन महिला डॉक्टर इससे भी संतुष्ट नहीं हुई, और मरीज के परिजनों से बदतमीजी से पेश आई. फिर बड़ी मुश्किलों में ₹800 में बच्चा वापस दिया.