बुलंदशहर: ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. दरअसल प्रदेश में करीब 25 हजार होमगार्ड कर्मी ऐसे हैं, जो उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से अपना मानदेय पाते थे. वहीं बुलंदशहर में ऐसे 300 होमगार्डस हैं, जो करीब छह महीनों से बिना मानदेय के ही कार्य कर रहे थे. ईटीवी भारत पर प्रमुखता से खबर दिखाने के बाद अधिकारियों ने संज्ञान लिया है. अब इन 25 हजार होमगार्डस कर्मियों को भी वेतन होमगार्ड विभाग के द्वारा ही दिया जाएगा. साथ ही बकाया भुगतान के सम्बंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं.
बुलंदशहर जिले में करीब 300 होमगार्ड्स कर्मियों को पिछले 6 महीने से मानदेय नहीं मिला, लेकिन उसके बावजूद होमगार्डस कर्मी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. इतना ही नहीं ड्यूटी के अलावा मजबूरन अब ये कर्मी अपने घर का खर्चा चलाने के लिए अलग से मजदूरी करने का दावा भी कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था.
उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस की भर्ती प्रक्रिया न होने की वजह से होमगार्ड कर्मियों को यूपी पुलिस के जवानों के साथ लगाया गया था, तब यह तय हुआ था कि अब प्रत्येक जिले में जितने होमगार्ड कर्मी पुलिसकर्मियों के रिक्तियों के सापेक्ष लिए गए हैं. उनका भुगतान भी पुलिस विभाग की तरफ से ही किया जाएगा. बुलंदशहर में भी ऐसे 300 होमगार्ड हैं, जिनका भुगतान पुलिस विभाग के द्वारा किया जाता था, जबकि ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मेरठ मण्डल कमांडेंट गिरिराज सिंह ने बताया कि वर्तमान में इस वक्त करीब 25 हजार होमगार्डस कर्मियों को मानदेय पुलिस विभाग की तरफ से मिलना चाहिए था, लेकिन पिछले साल दिसंबर के बाद से इन होमगार्डस कर्मियों की सुध कोई लेता नहीं दिख रहा था.