बुलंदशहर: देश में गरीबों को छत देने के लिए शुरु हुई प्रधानमंत्री आवास योजना को जिम्मेदार पलीता लगा रहे हैं. बुलंदशहर में पीएम आवास योजना नगरीय के जरूरतमंद पात्रों के सत्यापन के लिए जो कम्पनी नामित की गई है, उस कम्पनी के काफी नुमाईंदों पर अब तक गड़बड़झाला करने के आरोप लगे हैं. शासन द्वारा नामित एजेंसी REPL के 2018 से अब तक 6 इंजीनियर और 23 सर्वेयरों के खिलाफ टर्मिनेशन की कार्रवाई करते हुए एफआईआर भी दर्ज कराई गई है.
बुलंदशहर में प्रधानमंत्री आवास योजना में 2018 से अब तक कई इंजीनियर और सर्वेयर पर पात्रों से मकान दिलाने के एवज में पैसे ऐठने के मामले सामने आते रहे हैं. इस बारे में जिले में फिर एक बार कुछ लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है.
प्रदेश भर में शासन की स्वीकृति के बाद जिस REPL कंपनी को सत्यापन और सर्वे का टेंडर दिया गया है, उस कंपनी के इंजीनियर और सर्वेयर के ऊपर समय-समय पर टर्मिनेशन की कार्रवाई की गई है.
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मनोज सिंघल का कहना है कि 2018 से अब तक कई बार कम्पनी के अभियंताओं और सर्वेयरों पर आरोप लगे हैं. यही नहीं उन पर एफआईआर भी हुई है. बुलंदशहर REPL कंपनी के इंजीनियरों के खिलाफ मुकदमा लिखा गया है. अधिकारियों की मानें तो जिला प्रशासन ने लोगों के मकान बनाने की स्थिति में कंस्ट्रक्शन से पहले ही सत्यापित करने वाली कंपनी कर्मचारी समेत आठ लोगों के खिलाफ हाल ही में एफआईआर दर्ज कराई है.
इंजीनियर और 2 सभासदों के संबंधियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406 में मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि 2018 से लेकर अब तक REPL कंपनी के कई इंजीनियरों और सर्वेयरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई हैं. यही वजह है कि डूडा विभाग के अधिकारी आस मोहम्मद खान पीओ डूडा ने भी समय-समय पर फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ एक्शन लिया है.
जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना 2019 में 17,768 घर बनाने का लक्ष्य डूडा विभाग को दिया गया था. हालांकि अफसरों की मानें तो लक्ष्य से अधिक पात्रों को लाभ मिला है. जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि विभाग अब ऐसे सभी सर्वेयरों और इंजीनियरों की निगरानी भी कर रहा है.