बुलंदशहर :जनपद से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जिम्मेदार अफसरों ने चुनाव कराने के लिए यह तक भी नहीं देखा कि जिनकी ड्यूटी वह चुनाव में लगा रहे हैं, वह ड्यूटी करने की स्थिति में हैं भी या नहीं. अब ऐसे कर्मचारी सम्बन्धित महकमे के अधिकारियों की चौखटों पर अपना दुखड़ा सुनाने को पहुंच रहे हैं.
सामान्य लोकसभा निर्वाचन 2019 के लिए जिम्मेदार जिला प्रशासन के अधिकारियों की तरफ से तमाम कवायदें की जा रही हैं तो वहीं, इसमें बड़ी लापरवाही भी देखने को मिली है. दरअसल, जनपद में सैकड़ों ऐसे सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव में बतौर पीठासीन अधिकारी और अन्य जिम्मेदारियों को सम्भालने के लिए लगा दी गई हैं, जो न सिर्फ दिव्यांगहैं बल्कि गम्भीर बीमारियों से ग्रसित हैं.
अफसरों के यहां रोज चक्कर लगा रहे हैं दिव्यांग
अब यह लोग हर दिन लोकसभा चुनाव में डयूटी लगाने वाले जिम्मेदार अफसरों के यहां मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ सिर्फ इसलिए चक्कर काट रहे हैं ताकि गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाने वाले उन जिम्मेदार अफसरों को जानकारी हो जाए कि वह इलेक्शन में यह जिम्मेदारी संभालने में असमर्थ हैं.
दिव्यांग और बीमार लोग ड्यूटी कटाने के लिए अफसरों के यहां लगा रहे चक्कर सैकड़ों दिव्यांगऔर गम्भीर रूप से बीमार कर्मचारी हर दिन विकास भवन में अपनी पीड़ा बयां करने पहुंच रहे हैं. आलम यह है कि 19 मार्च से हर रोज दिनभर विकास भवन में एक डिप्टी सीएमओ, बेसिक शिक्षा अधिकारी और अन्य सम्बन्धित विभाग के अधिकारी आजकल सिर्फ इसी काम में दिनभर लगे देखे जा सकते हैं. सुबह से शाम तक जिलेभर से ऐसे कर्मचारियों को यहां आते जाते देखा जा सकता है.
...कैसे कर पाऊंगा काम
कोई व्हील चेयर पर आता है तो किसी को तिमारदार लेकर आ रहे हैं तो कोई बैसाखी के सहारे. इस बारे में लोग अपनी व्यथा भी सुनाते देखे जा सकते हैं. कर्मचारियों का कहना है कि जब वह ठीक से चल फिर नहीं सकते, बैठ नहीं सकते, तो आखिर इलेक्शन में कैसे वह काम को बेहतर ढंग से कर पाएंगे.
वहीं, बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बरीश कुमार यादव का कहना है कि जिनकी इलेक्शन में डयूटी लगा दी गई है, उनमें से वो ऐसे लोगों की जांच कर रहे हैं, जो कार्य नहीं कर सकते. उन्होंने बताया कि कर्मचारी यहां आकर अपनी पीड़ा बता रहे हैं. एक अन्य अधिकारी का कहना है कि हर रोज विकास भवन में लोग मेडिकल दस्तावेजों को लेकर पहुंच रहे हैं. हैं।