बुलन्दशहरः जिले में आयुष विभाग द्वारा औषधीय पौधे लगाकर हर्बल गार्डन विकसित करने के लिए शासन से निर्देश मिले हैं. इसके तहत आयुर्वेदिक हॉस्पिटल को चिह्नित करने का काम जिले के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी को दिया गया है. फिलहाल ऐसे सरकारी हॉस्पिटल्स चिह्नित किए जाने हैं, जहां हॉस्पिटल्स के पास पर्याप्त जमीन उपलब्ध हो.
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भारी स्टाफ की कमी
आयुर्वेदिक हॉस्पिटल से स्टाफ रिटायरमेंट के बाद लगातार कम होता जा रहा है, जबकि नई तैनाती किसी की नहीं हुई है. यही वजह है कि जिले में 50 से भी ज्यादा आयुर्वेद के हॉस्पिटल में डॉक्टर्स के नाम पर सिर्फ 11 डॉक्टर उपलब्ध हैं. ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ चिकित्सकों की कमी है. कई जगह तो आलम यह है कि फार्मेसिस्ट और कर्मचारी तक उपलब्ध नहीं हैं, जिसकी वजह से खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं सरकार की मंशा है कि आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में आयुर्वेद से जुड़े पौधों को लगाकर उसका फायदा उसे लोगों को पहुंचाने की.
बुलन्दशहर: सिर्फ 13 डॉक्टरों के भरोसे चल रहा है 50 आयुर्वेदिक अस्पताल
ये बोलीं क्षेत्रीय आयुर्वेदिक औरयूनानी अधिकारी गीता शर्मा
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी गीता शर्मा कहती हैं कि चिकित्सकों की कमी बनी हुई है, लेकिन हमारे स्तर से जिले के ऐसे 10 हॉस्पिटल्स की लिस्ट बनाई गई है, जहां पर्याप्त जमीन मौजूद है. आने वाले समय में जब यह योजना पूरी तरह से लागू होने की स्थिति में आएगी, तब तक जिले में पर्याप्त स्टाफ आ जाएगा.