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कोविड टीकाकरण का काम ठप कर धरने पर बैठे स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी - हड़ताल के कारण प्रभावित हुआ टीकाकरण

कोविड टीकाकरण का काम छोड़कर समान काम तो समान वेतन समेत 7 सूत्रीय मांगों के साथ धरने पर बैठे स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी. संविदा कर्मियों के हड़ताल पर जाने से कोविड-19 टीकाकरण और सैंपलिंग के साथ-साथ प्रोग्रामिंग व रिपोर्टिंग का भी रुका काम. संविदा कर्मियों के हड़ताल की वजह से टीकाकरण कार्य प्रभावित, केंद्रों से वापस लौटाई गई कोविड टीकों की खेप.

धरने पर बैठे स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी
धरने पर बैठे स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी

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Published : Dec 5, 2021, 10:33 AM IST

बुलंदशहर: कोविड टीकाकरण का काम छोड़कर स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी सात सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे गए हैं. उनकी मांगों में समान काम तो समान वेतन की मांग भी शामिल है. हड़ताल पर जाने से कोविड-19 टीकाकरण और सैंपलिंग के साथ-साथ प्रोग्रामिंग व रिपोर्टिंग का काम भी रुक गया है. धरने में एएनएम, बीपीएम यूनिट, आरबीएसके टीम, एलटी स्टाफ नर्स, सीएचओ, डाटा ऑपरेटर और संविदा डॉक्टर्स शामिल हैं.

संविदा कर्मियों के हड़ताल पर जाने से कोविड-19 टीकाकरण और सैंपलिंग के साथ-साथ प्रोग्रामिंग व रिपोर्टिंग का काम भी रुक गया है. धरने में एएनएम, बीपीएम यूनिट, आरबीएसके टीम, एलटी स्टाफ नर्स, सीएचओ, डाटा ऑपरेटर और संविदा डॉक्टर्स भी शामिल हैं.

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ की बुलंदशहर शाखा के जिला अध्यक्ष डॉ कमलेश भारद्वाज ने बताया कि आज जिले में संविदा पर तैनात सभी चिकित्सक एएनएम स्टाफ नर्स समेत अन्य कर्मी हड़ताल पर हैं. संविदा कर्मियों के हड़ताल के कारण टीकाकरण प्रभावित हो सकता है साथ ही धरने की वजह से टीकाकरण केंद्रों से कोविड टीकों की खेप वापस लौटाई गई है.

धरने पर बैठे स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी
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उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में लगभग एक लाख की संख्या में संविदा कर्मचारी चिकित्सक पैरामेडिकल मैनेजमेंट व अन्य लगभग दो लाख की संख्या में आशा बहू कार्य कर रही हैं. पिछले 2 वर्षों से कोविड-19 जैसी वैश्विक बीमारी के टीकाकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य में निरंतर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इस दौरान संविदा कर्मचारियों से प्रत्येक राजकीय अवकाश व साप्ताहिक अवकाश में भी लगातार विभागीय कार्य लिया जा रहा है.

धरने पर बैठे संविदाकर्मियों का कहना है कि दिनांक 26 जुलाई 2021 को गठित प्रतिनिधिमंडल से अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश से कई बार वार्ता के दौरान तीन मांगों को पूरा किए जाने की सहमति के बाद भी दो मांगों पर तीन माह बीत गया और कोई भी काम नहीं हुआ. प्रदेश के संविदा कर्मचारियों में रोष व्याप्त है. जिसके कारण संगठन आंदोलन की राह पर जाने के लिए विवश है.

धरने पर बैठे स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी
ये हैं 7 सूत्री मांगे-

पहली मांग विनियमिती करण समायोजन व पदों का विभाग में सुरजन, दूसरी वेतन पॉलिसी एवं वेतन विसंगति, तीसरी सातवां वेतन आयोग का लाभ व जॉब सिक्योरिटी, चौथा रिक्त पदों पर गैर जनपद स्थानांतरण, आउट सोर्स, नीति बीमा पॉलिसी.


स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों ने ज्ञापन बुलंदशहर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में एडीएम विवेक कुमार मिश्रा को सौंपा. साथ ही स्पष्ट किया की इसके दौरान यदि किसी भी प्रकार का विभागीय कार्य अवरुद्ध होता है अथवा प्रभावित होता है तो उसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

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