बुलंदशहर:माटी के कारीगरों को फिर से संजीवनी देने के लिए तमाम कवायदें की जा रही हैं. इसी साल जनवरी माह में माटी कला बोर्ड का गठन किया जा चुका है, जिसके बाद उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड के पहले अध्यक्ष के तौर पर धर्मवीर प्रजापति को नियुक्त किया गया था. हालांकि इस बीच आचार संहिता और चुनाव होने की वजह से इसमें कुछ खास नहीं हो पाया. अब केंद्र में पुनः सरकार का गठन होने के बाद इस तरफ ध्यान दिया जा रहा है.
बुलंदशहर: मिट्टी के बर्तनों को पहचान दिलाने के प्रयास तेज
जनवरी माह में माटी कला बोर्ड का गठन किया गया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड के पहले अध्यक्ष के तौर पर धर्मवीर प्रजापति को नियुक्त किया गया था. हालांकि इस बीच आचार संहिता और चुनाव होने की वजह से इसमें कुछ खास नहीं हो पाया.
माटी कला बोर्ड की एक पहल:
- अब तक करीब 60 हजार माटी के काम से जुड़े लोगों को चिन्हित किया जा चुका है.
- 19 जनपदों से जिलाधिकारियों के द्वारा उन्हें जानकारियां उपलब्ध भी कराई गई हैं.
- उत्तर प्रदेश में करीब 92 हजार गांव हैं.
- माटी कला बोर्ड यह चाहता है कि न सिर्फ मिट्टी से जुड़े पुश्तैनी कामगारों को रोजगार मिले बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरे.
- खुद सीएम योगी भी रुचि ले रहे हैं.
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कमिश्नरों को हिदायतें दी हैं.
- इसके संबंध में अभी तक 11 हजार गावों से 60 हजार परिवार चिन्हित किए जा चुके हैं.
अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में इस तरफ काफी कुछ अलग किया जाना है, जिस तरह से हमारे देश के योगा ने दुनिया भर में धूम मचाई है. उसी तर्ज पर इसके लिए अब तक प्रदेश के परिवहन मंत्री और देश के रेल मंत्री तक से बात कर चुके हैं. माटी कला विभाग के द्वारा तमाम कवायद की जा रही हैं, और आने वाले समय में सब कुछ ठीक रहा तो रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन से लेकर मॉल तक में अपनी देश के मिट्टी के कारीगरों के बने तमाम उत्पाद हर जगह आसानी से उपलब्ध होंगे.
-धर्मवीर प्रजापति,अध्यक्ष उत्तरप्रदेश माटी कला बोर्ड