उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बुलंदशहर: चार थाना प्रभारियों की कुर्सी खतरे में, जाएगी थानेदारी - एसएसपी संतोष कुमार सिंह

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में चार थानेदारों के खिलाफ मिसकंडक्ट की कार्रवाई की गई है. यह चारों थानेदार अब थाने और कोतवाली में बतौर प्रभारी निरीक्षक नहीं रह पाएंगे.

एसएसपी संतोष कुमार सिंह.
एसएसपी संतोष कुमार सिंह.

By

Published : Sep 11, 2020, 4:33 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: जिले के अलग-अलग थानों में तैनात चार थानेदारों के लिए बुरी खबर है. लखनऊ कमिश्नर ने जिले के एक इंस्पेक्टर पर मिस कंडक्ट की कार्रवाई की है. वहीं गाजियाबाद के एसएसपी ने भी पूर्व में गाजियाबाद में तैनात रहे तीन निरीक्षकों के खिलाफ मिस कंडक्ट की कार्रवाई की. बुलंदशहर में हालांकि चारों थानेदारों की कार्यशैली संतोषजनक है, लेकिन पूर्व के रहे कुछ मामलों में अब इन निरीक्षकों की थानेदारी जाएगी.

इन थाना प्रभारियों के खिलाफ मिसकंडक्ट की कार्रवाई

बुलंदशहर में चारों थाना प्रभारियों को उनके पूर्व में किए गए आचरण को लेकर यह मिसकंडक्ट की कार्रवाई की गई है. मिसकंडक्ट मिलने के बाद पुलिसकर्मी किसी भी महत्वपूर्ण पद पर नहीं रह सकता. बुलंदशहर जिले के जिन चार थानेदारों को मिसकंडक्ट दिया गया है, उनमें देहात कोतवाली प्रभारी सुधीर कुमार त्यागी, खुर्जा देहात इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार गौड़, शिकारपुर थाना प्रभारी उमेश कुमार पांडेय और अपनी कार्यशैली से जिले में अलग पहचान बनाने वाले औरंगाबाद थाना प्रभारी सुभाष सिंह शामिल हैं.

पूर्म मामलों में दी गई मिसकंडक्ट

इस बारे में एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि जिले में चारों ही थानेदारों की कार्यप्रणाली काफी अच्छी है. पूर्व के कुछ मामले रहे होंगे, जिसमें उन्हें को मिसकंडक्ट की सूचना प्राप्त हुई है. जानकारी के मुताबिक देहात कोतवाली प्रभारी जो गाजियाबाद में तैनात थे, उस समय उनकी हिरासत में एक युवक की मौत हो गई थी. इसके बाद वह सस्पेंड हुए थे. करीब डेढ़ साल से विभागीय जांच चल रही थी. जांच पूरी होने के बाद मिसकंडक्ट की कार्रवाई की गई है, जबकि खुर्जा देहात प्रभारी अखिलेश कुमार गौड़ को भी गाजियाबाद एसएसपी कलानिधि नैथानी ने मिसकंडक्ट दी है. इसके अलावा शिकारपुर थाना प्रभारी उमेश कुमार पांडे पर भी गाजियाबाद एसएसपी ने मिसकंडक्ट की कार्रवाई की है.

जानिए, क्या होता है मिस कंडक्ट
जब कोई कर्मचारी जिम्मेदारी के पद पर तैनात होता है. उसके कार्य और आचरण में लापरवाही सामने आने पर कई बार विभाग के बड़े अफसर द्वारा मिसकंडक्ट दे दिया जाता है. इसके बाद फिर ऐसे कर्मी को चार्ज से हटा दिया जाता है. मिसकंडक्ट खत्म कराने के लिए एक लंबी प्रक्रिया है. पहले जोन के आईजी से अपील की जाती है. वहां से राहत नहीं मिलती तो उसके बाद फिर एडीजी और फिर डीजीपी से. यदि डीजीपी के यहां से भी खारिज हो जाती है, तो अदालत का सहारा भी लिया जा सकता है.

दारोगाओं का ट्रैक रिकॉर्ड खंगालने के निर्देश

बुलंदशहर में फिलहाल इंस्पेक्टर और दारोगाओं का टोटा विभाग में बना हुआ है. ऐसे समय में चार सक्षम इंस्पेक्टर को उनके स्थान पर तैनात करने के लिए एसएसपी भी निरीक्षकों और दारोगाओं का ट्रैक रिकॉर्ड खंगालने के निर्देश दे चुके हैं. सूत्रों की मानें तो कुछ दारोगा और इंस्पेक्टर की आवश्यकता के बारे में मुख्यालय से संवाद भी स्थापित किया गया है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details