बुलंदशहर: अक्सर सुना जाता है कि बुरे वक्त के बाद अच्छा वक्त आता है... जिंदगी में हर परिस्थिति का सामना करना आना चाहिए... भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं... लेकिन अगर किसी की जिंदगी में बस बुरा ही वक्त हो तो, कोई हालत से लड़ते-लड़ते जिंदगी से ही हार गया हो तो... किसी को भगवान के घर भी अंधेरा ही दिख रहा हो तो... यहां हम बात कर रहे हैं ऐसे ही एक परिवार की, जिसकी जिंदगी में दुखों की कोई सीमा नहीं है.
कैंसर ने छीनी परिवार की खुशियां
तहसील खुर्जा क्षेत्र के गांव इस्माइलपुर बुढेना में परिवार की आर्थिक तंगी ने 3 बच्चों की आंखों की रोशनी ले ली. पिता राजू की आंखों में कैंसर होने के कारण परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. इसी बीच एक बेटी और दो बेटों की आंखों में भी कैंसर हो गया. डॉक्टर ने कहा कि अगर ठीक से इलाज नहीं हुआ तो इनकी आंखों की रोशनी चली जाएगी, लेकिन पैसे न होने के कारण बच्चों की आंखों की रोशनी चली गई. बीमार राजू के घर में खाने-पीने का भी ठीक से इंतजाम नहीं है. ऐसे में वो अपने बच्चों का इलाज कैसे कराता.