बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश की रिक्त पड़ी विधानसभा सीटों पर पिछले दिनों हुए उपचुनाव के बाद अब परिणाम की बारी है. मंगलवार को नतीजे घोषित होने है. नतीजे आने के बाद एक नई पार्टी के भविष्य की संभावनाओं का पता चलेगा. वहीं लंबे समय तक भाजपा से बतौर प्रतिद्वंदी के तौर पर राजनीति के मैदान में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ते रहे प्रोफेसर किरनपाल सिंह की प्रतिष्ठा भी इस बार दांव पर है.
पूर्व मंत्री प्रोफेसर किरनपाल सिंह के कद को तय करेगा ये चुनाव
पूर्व मंत्री और वेस्टर्न यूपी के जाट बिरादरी के कद्दावर नेता प्रोफेसर किरनपाल सिंह भारतीय जनता पार्टी में हैं. उपचुनाव के प्रचार की शुरुआत करने 22 अक्टूबर को खुद सीएम योगी ने बुलंदशहर में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे. सीएम योगी की मौजूदगी में इस कद्दावर जाट नेता को पार्टी में शामिल किया था. अब बुलंदशहर सदर विधानसभा सीट पर पूर्व मंत्री की प्रतिष्ठा भी जुड़ी है. क्योंकि भाजपा विधायक वीरेंद्र सिरोही के निधन के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने दिवंगत विधायक की पत्नी उषा सिरोही को प्रत्याशी बनाया है. पूर्व मंत्री किरनपाल सिंह ने कुद भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार किया था.
रालोद उपाध्यक्ष को कोरोना होने से RLD का चुनाव हुआ प्रभावित
समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने इस उपचुनाव में साझा प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा था और बुलंदशहर की सीट राष्ट्रीयलोक के खाते में थी, तो यहां से राष्ट्रीय लोकदल ले भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री रहे जगवीर सिंह के पुत्र कुंवर प्रवीण कुमार सिंह को प्रत्याशी घोषित किया था. प्रवीण कुमार सिंह लगातार अपने प्रचार के दौरान हर वर्ग समुदाय के लोगों के बीच पहुंचे, लेकिन रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी को इस बीच कोरोना हो जाने की वजह से वह बुलंदशहर नहीं पहुंच पाए थे, जिससे माना जा रहा है कि इसका फायदा भी किरन पाल सिंह की वजह से भाजपा को मिलना चाहिए.
भाजपा की पुरानी नेता ने बागी बनकर इस चुनाव में खोला पार्टी के खिलाफ मोर्चा
इस बार भाजपा को कड़ी चुनोती यहां मिली है. क्योंकि 30 साल तक बीजेपी में रहीं उतमिला लोधी राजपूत ने खुद यहां राष्ट्रीय क्रांति पार्टी से भाजपा के सामने बगावत करते हुए अपनी दावेदारी पेश की है और भाजपा की उम्मीदवार उषा सिरोही की राह को कठिन बनाया है.
कांग्रेस का दाव
कांग्रेस ने भी यहां से सुशील चौधरी को मैदान में उतारा है. सुशील चौधरी लंबे समय से बुलंदशहर में कांग्रेस के साथ जुड़े हैं. देखने वाली बात यह भी है कि कांग्रेस का जो वोट बैंक बुलंदशहर में है उसमें कितनी वृद्धि होती हैं. जहां प्रमोद तिवारी ने यहां पहुंचकर प्रचार किया, वहीं सचिन पायलट जैसे कांग्रेसी नेता ने भी यहां कांग्रेस प्रत्याशी के लिए चुनावी जनसभा को संबोधित किया. अब कांग्रेस को यहां संजीवनी मिलती है या फिर नहीं इसका फैंसला भी मंगलवार को ही होगा.