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पहुंची वहां पर फौजी की राख, जहां का सपूत था - बुलंदशहर की ताजा खबरें

लद्दाख में जान गंवाने वाले सेना के सपूत तरुण तेवतिया की अस्थियों का कलश लेकर गुरुवार को परिजन अपने पैतृक गांव बुलंदशहर जिले के भटौना पहुंचे. तरुण के अस्थि कलश के साथ वाहनों का काफिला भी था. शहीद स्मारक पर एक शोकसभा का आयोजन भी किया गया, जहां लोगों ने अपने वीर सपूत को श्रद्धांजलि दी.

पैतृक गांव पहुंची तरुण तेवतिया की अस्थियां.
पैतृक गांव पहुंची तरुण तेवतिया की अस्थियां.

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Published : Nov 6, 2020, 1:07 AM IST

बुलंदशहर: सेना के जवान तरुण तेवतिया की अस्थि कलश लेकर उनके परिजन गुरुवार को सिकन्दराबाद नगर पहुंचे. वहां सैकड़ों युवकों ने तरुण तेवतिया अमर रहे के नारे लगाए. भटौना गांव तक दोपहिया, चार पहिया समेत ट्रैक्टर-ट्रालियों का काफिला अस्थि कलश यात्रा के साथ उनके पैतृक गांव पहुंचा. जब यात्रा उनके गांव भटौना पहुंची, तो माहौल और भी गमगीन हो गया.

पैतृक गांव पहुंची तरुण तेवतिया की अस्थियां.
कोविड-19 से संक्रमित थे तरुण
हम आपको बता दें कि पिछले दिनों तरुण तेवतिया की मौत हार्ट अटैक से हो गई थी. इससे पहले बीते सोमवार को सेना के अफसरों ने परिजनों को फोन पर बताया था कि तरुण तेवतिया का कोविड-19 से संक्रमित हैं. इस कारण अंतिम संस्कार लद्दाख में ही किया गया.


2012 में तरुण की सेना में लगी थी सर्विस
बुलंदशहर के गुलावठी थाना क्षेत्र के गांव भटौना निवासी 30 वर्षीय तरुण तेवतिया वर्ष 2012 में भारतीय सेना में सैनिक के तौर पर भर्ती हुए थे. सेना ने तरुण के अंतिम संस्कार के लिए परिवार के पांच सदस्यों को लद्दाख बुलाया था. तरुण तेवतिया के चाचा संजय तेवतिया ने बताया कि उनकी वर्तमान तैनाती लद्दाख में चीन बॉर्डर पर थी. पेट्रोलिंग के दौरान तरुण की तबियत खराब हुई थी. 5 साल पहले ही तरुण तेवतिया की शादी हुई थी. उनकी डेढ़ वर्ष की एक बेटी भी है. गुरुवार को ही अस्थि कलश को गंगा में प्रवाहित कर दिया गया.

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