बुलंदशहरः जिले के लक्ष्मीनगर में कोरोना संक्रमण से 6 दिनों के भीतर एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत से पूरे इलाके में भय का माहौल बना हुआ है. अधिवक्ता धर्मराज के परिवार पर कोरोना ने ऐसा कहर बरपाया है कि पूरा परिवार ही टूटकर बिखर गया. इस परिवार में अब केवल 4 साल का मासूम विवान और उसकी बूढ़ी दादी सुषमा ही बची हैं.
उजड़ गया हंसता-खेलता परिवार कोरोना ने तबाह किया परिवार
जिले के लक्ष्मीनगर में कोरोना के दंश से एक हंसता-खेलता परिवार पूरी तरह टूटकर बिखर गया. 4 साल के मासूम विवान और उसकी दादी सुषमा को कोरोना ने जो ज़ख्म दिए, उसके घाव भर पाना नामुमकिन है. अधिवक्ता धर्मराज का परिवार एक साल पहले सड़क हादसे में हुई जवान बेटे प्रमांशु की मौत से उबरा भी नहीं था कि इस परिवार को 6 दिनों के भीतर एक के बाद एक 3 चिताओं को अग्नि देनी पड़ी. अब परिवार में विवान और उसकी बुजुर्ग दादी सुषमा के अलावा कोई नहीं है.
एडवोकेट के परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
पेशे से वकील धर्मराज सिंह को एक सप्ताह पहले हल्की खांसी और बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ हुईं. परिजनों ने उनको शहर के निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया. ऑक्सीजन लेबल घट रहा था और धर्मराज में कोरोना के भी लक्षण पाए गए थे. इसके बाद उनकी मौत हो गई. धर्मराज की चिता की राख अभी ठंडी भी न हुई थी कि उनकी भाभी साधना को भी कोरोना के लक्षण के साथ सांस लेने में तखलीफ होने लगी और उपचार के दौरान साधना की भी मौत हो गई. इतना ही नहीं साधना कि चिता से अस्थियों के फूलों को चुना भी नहीं गया था कि एक साल पहले सड़क हादसे में जान गंवाने वाले धर्मराज सिंह के बेटे प्रमांशु की विधवा बबली को भी कोरोना निगल गया.
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दहशत में कॉलोनी के लोग
धर्मराज के परिवार पर कोरोना ने जो कहर बरपाया, उसे देखने के बाद कॉलोनी के लोग भी दहशत में हैं. जिसे भी इस घटना की जानकारी हुई, वो परिवार के दर्द को सुनकर सिहर उठा. वहीं कोरोना का दंश झेल चुकीं सुषमा ने सरकार से अपील की है कि, मासूम विवान के बारे में भी कुछ सोचे. इसके साथ ही वो चाहती हैं कि देश में किसी की भी इलाज के अभाव में मौत न हो.