बिजनौरः पहाड़ों व मैदानी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश से लोगों का जीना मुहाल हो चला है. खेत-खलियान से लेकर गली-गलियारों, घरों और दुकानों में बारिश का कई-कई फिट पानी अंदर दाखिल हो चुका है. ऐसे में घरों के कीमती इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से लेकर कीमती सामान बरसात के पानी में डूबते नजर आ रहे हैं. या यूं कहें कि चारों तरफ पानी ही पानी से घरों से निकलना लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है.
यूपी-उत्तराखंड की सीमा से सटे बिजनौर के नजीबाबाद में मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बरसात की पहली बारिश ने भले ही लोगों को भीषण गर्मी से निजात दिलाई हो, लेकिन कहर बनकर आसमान से पड़ रही मूसलाधार बारिश ने मवेशियों से लेकर लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. बिजनौर में पिछले 24 घंटों से बेतहाशा रुक-रुककर बारिश से सड़कें तालाब में तब्दील हो चुकी हैं.
सड़क के किनारे खड़ी कई कारें बरसात के पानी के आगे डूबती नजर आ रही हैं. घरों, दुकानों में खेत खलिहान में चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बारिश से नदियां उफान पर हैं, जिसकी वजह से उत्तराखंड की सीमा से सटे मालन नदी के रपटे पर कई कई फीट पानी चलने से आवागमन बाधित हुआ है. जान जोखिम में डालकर इक्का-दुक्का लोग घरों से बाहर निकलकर जरूरत का सामान लेने पर मजबूर है.
फिरोजाबाद में आकाशीय बिजली गिरने से किसान की मौत
फिरोजाबादःजिले में हुयी मानसून की तेज बरसात आम आदमी के लिए राहत के साथ साथ आफत लेकर भी आयी. इस बरसात से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली तो वहीं शहर के निचले इलाकों के जबर्दस्त जलभराव भी देखा गया. मानसून की पहली बरसात ने ही स्मार्ट सिटी की पोल खोलकर रख दी. लगभग तीन घंटे की बरसात में न केवल सड़कों पर जलभराव हो गया, बल्कि मेडिकल कॉलेज और नगर निगम के ऑफिस में पानी भर गया. लोगों से इसे नगर निगम का फेलियर करार दिया.