बिजनौर: कलेक्ट्रेट परिसर में किसान मजदूर संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने महंगाई को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा. साथ ही उन्होंने गन्ने के मूल्य में वृद्धि करने की मांग सरकार से की. किसानों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गन्ने का भुगतान 15 दिन के भीतर करने का वादा किया था. चार साल बीत जाने के बाद भी किसानों को अभी तक शुगर मिल मालिकों ने गन्ने का बकाया भुगतान नहीं दिया है. किसानों का कहना है कि अन्य प्रदेशों की सरकार ने गन्ने के मूल्य में 60 रुपये की बढ़ोतरी की है, जबकि मौजूदा उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए कुछ भी नहीं किया है.
किसानों की समस्याओं के बारे में बताता किसान नेता विनोद राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर तले किसानों ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी की थी. केंद्र सरकार ने एक बार फिर से सिलेंडर के दाम में 25 रुपये की बढ़ोतरी कर दी. अब घरेलू गैस सिलेंडर 900 रुपये में मिल रहा है. बढ़ रही महंगाई से जहां आम जनता बेहाल है तो वहीं किसान बढ़ रही महंगाई से खेती करने में असमर्थ हैं.
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किसान नेता विनोद ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार के चार साल का कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद भी आज तक गन्ने के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई. अन्य प्रदेशों में सरकारों ने गन्ने के मूल्य में 60 रुपये तक प्रति कुंतल बढ़ाए हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार लगातार किसानों का शोषण कर रही है. बिजली बिल के नाम पर किसानों से अवैध वसूली की जा रही है और उनके कनेक्शन काटे जा रहे हैं. अगर प्रदेश सरकार ने किसानों का समय से गन्ने की बकाया रकम का भुगतान नहीं करवाया और गन्ने का मूल्य 450 रुपया प्रति कुंटल नहीं किया तो कलेक्ट्रेट में किसानों का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. इस वजह से 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में बीजेपी को काफी नुकसान होगा.