बिजनौर: प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लाख दावे करें, लेकिन यह दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. बिजनौर जिला अस्पताल में 1 साल पहले कोविड-19 मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए और उनको इलाज मुहैया कराने के लिए 24 वेंटिलेटर स्वास्थ्य विभाग ने मंगवाया था. लेकिन इन वेंटिलेटरों को आज तक उपयोग में नहीं लाया गया. कोरोना की दूसरी लहर में जहां लगातार मरीजों को वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ रही है, तो वहीं बिजनौर जिले में रखा ये वेंटिलेटर धूल फांख रहा है. बिजनौर के जिला अस्पताल के सीएमएस के मुताबिक इन वेंटिलेटर को चलाने के लिए स्टॉफ नहीं हैं, जिसके चलते इन वेंटिलेटरों का उपयोग नहीं हो पा रहा है.
सफेद हाथी बना वेंटिलेटर
कोविड मरीजों के इलाज के लिए जिला अस्पताल में कोविड वार्ड भी है. आक्सीजन और वेंटिलेटर भी है, लेकिन उनको चलाने वाला स्टॉफ नहीं है. हैरानी होती है ऐसे सिस्टम पर जहां सीएमओ विजय कुमार यादव ने वेंटिलेटर पचास लाख की कीमत से खरीद तो लिये, लेकिन इनको ऑपरेट करने वाला कोई नहीं.