बस्ती: उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद को लेकर जोड़-तोड़ शुरू हो चुका है. साम, दाम, दंड, भेद के फॉर्मूले पर फोकस कर विभिन्न पार्टियों के प्रत्याशी चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. जिले में जब से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवार की घोषणा की है, तब से बीजेपी के नेताओं में खलबली मच गई है. बीजेपी ने दावा किया था कि वह बस्ती जिले से अपने प्रत्याशी को निर्विरोध विजयी बनाकर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा कर लेगी, लेकिन शुक्रवार को समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया. 26 जून को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अपना-अपना नामांकन पर्चा भरेंगे.
समाजवादी पार्टी के नेताओं का आरोप है कि उसके प्रत्याशी पर पर्चा वापस लेने के लिए सरकारी मशीनरी का प्रयोग करते हुए दबाव बनाया जा रहा है. सपा प्रत्याशी के ठीकानों और घर पर लगातार छापेमारी हो रही है. सबसे पहले सपा के जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी वीरेंद्र चौधरी के ईंट-भट्टे पर खनन, श्रम, प्रदूषण और आबकारी की टीम छापा मारने पहुंची, लेकिन जैसे ही इन चारों विभाग के अधिकारियों ने मीडिया को देखा तो वे लोग बिना कोई कार्रवाई किए ही मौके से चले गए.
इसके बाद सदर तहसील की टीम समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव के भाई जितेंद्र यादव के घर पहुंची और दावा किया कि मकान का कुछ हिस्सा बंजर जमीन में बना है, जिसे जेसीबी से गिरा दिया जाएगा. लेखपाल और राजस्व की टीम ने मकान की नपाई शुरू की. नाप-जोख करने के बाद भी अवैध निर्माण नहीं मिला. फिर भी वहां से अभी तक जेसीबी और प्रशासनिक टीम हटी नहीं है.