बस्ती: चुनाव आते ही महिला आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर नेताओं की जुबान पर छा गया है. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही है. इसके बाद से नेताओं के बीच वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया है. हालांकि इस मुद्दे को लेकर बस्ती की महिलाओं की राय कुछ अलग ही नजर आ रही है.
बस्ती: 33 प्रतिशत आरक्षण पर आधी आबादी की राय - बस्ती न्यूज
लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के जारी घोषणापत्र में उन्होंने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही है. इसे लेकर जिले की महिलाओं का साफ कहना है कि ऐसे वादे चुनाव के समय में अक्सर किए जाते हैं. वहीं अगर यह वादे सचमुच पूरे किए जाते हैं तो यह समाज में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं.
पढ़ाई में पीएचडी होल्डर डॉ. फैजा खान ने कहा कि वैसे तो जब चुनाव आता है तभी इन राजनीतिक पार्टियों को महिला आरक्षण जैसे मुद्दे की याद आती है. पर अगर महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलता है तो इससे समाज मे एक बहुत बड़ा बदलाव होगा. उन्होंने कहा कि पुरुषवादी इस समाज में महिलाओं को हमेशा दूसरा दर्जा ही दिया गया है. ऐसे में जरूरी है कि उनकी भागीदारी बढ़े. डॉ. फैजा खान ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने तो पढ़े लिखे नौजवान लड़के लड़कियों को चाय बेचने और पकौड़े तलने की सलाह दे डाली थी. उन्होंने कहा कि अगर महिलाओं को आरक्षण मिलता है तो ये समाज के लिए भी बेहतर होगा.
वहीं कांग्रेस नेता डॉ. शिला शर्मा ने कहा कि हमारी पार्टी ने हमेशा महिलाओं के हित की बात की है. उन्होंने कहा कि हमने पहले भी आरक्षण के लिए प्रयास किया था, लेकिन बीजेपी ने अड़ंगा लगा दिया. साथ ही ज्योति पांडे ने कहा कि कांग्रेस में तो महिला प्रधानमंत्री तक रही हैं, जिन्होंने देश को पूरे विश्व में पहचान दिलाई. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में जो वादे कांग्रेस ने किए हैं वो पूरा करेगी. कांग्रेस बीजेपी की तरह सिर्फ जुमले नहीं कहती है.