बस्ती: नगर पालिका क्षेत्र के महरिखावा मोहल्ले में रोड पर भरे पानी ने लोगों का निकलना दूभर कर दिया है. नगर पालिका ने कई वर्षों से इस मोहल्ले का मुख्य मार्ग और नाली का निर्माण नहीं कराया है. सड़क और नाली न बनने से घरों से निकलने वाले गंदे पानी ने इस क्षेत्र के लोगों का बुरा हाल कर दिया है, जिससे हर मौसम में जलभराव रहता है.
बस्ती: नगर निगम की लापरवाही बनी मुसीबत, नाली के गंदे पानी से गुजरने को मजबूर लोग - बस्ती में जलभराव
यूपी के बस्ती जिले में जलभराव के कारण ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण को गंदे पानी से होकर अपने घरों तक जाना पड़ रहा है.
इस मोहल्ले की हालत यह है कि क्षेत्र से पैदल निकलना तो दूर, वाहन लेकर निकलना भी खतरे से खाली नहीं है. जलभराव का सर्वाधिक प्रभाव राह से गुजरने वाली महिलाओं के साथ बच्चों पर पड़ रहा है, जो किसी भी सूरत में सुरक्षित नहीं निकल पा रहे हैं. गली में हर समय गंदा पानी भरा रहने से क्षेत्र के सभी लोगों में रोष देखा जा रहा है. इस मार्ग पर जगह-जगह बने गहरे गड्ढे आम आदमी के लिए भी परेशानी का सबब बने हुए हैं.
कई वर्षों पूर्व बसे इस मोहल्ले के लोग बरसात तो दूर, हर सीजन में भरे रहने वाले नाली के गंदे पानी से परेशान हैं. हैरत की बात यह है कि लंबे समय से मोहल्ले के लिए नासूर बनी इस समस्या की ओर लोगों को प्रशासन और नगर पालिका की ओर से उदासीनता के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हुआ है. मोहल्ले में आठ साल से अधिक समय बीतने के बाद भी पानी की निकासी के लिए नाली नहीं बनाई गई, जिसके चलते घरों से निकलने वाला गंदा पानी गली में ही भर कर आवागमन प्रभावित कर रहा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मोहल्ले के सभासद से कई बार कहा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में भरे गंदे पानी के कारण मार्ग अवरुद्ध है. गंदे पानी से निकलने में परेशानी के साथ ही शर्मसार भी होना पड़ रहा है.
स्थानीय निवासी संजय का कहना है कि मुझे प्रधानमंत्री आवास मिल गया, लेकिन जलभराव होने के कारण घर से निकलना नरक सा हो गया है. कुछ लोगों ने बताया कि इस वार्ड में घर निर्माण कराए हुए चार वर्ष बीत गये, लेकिन मार्ग का निर्माण नहीं होने और पानी भराव के कारण हम दूसरे जगह पांच हजार रुपये का किराये का मकान लेकर रह रहे हैं. इस कोरोना काल में भरण-पोषण में काफी कठिनाई हो रही है. इस मोहल्ले में दो सरकारी मास्टर भी रहते हैं, जो कि अपना दो पहिया वाहन दूसरे के घर खड़ा करते हैं और पैदल घुटनों तक पानी में घुस कर घर के अन्दर आते-जाते हैं.
कांग्रेस सभासद सचिन शुक्ला का कहना है कि नगर पालिका परिषद के पिछले बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसी कारणवश योजना में इसका निदान नहीं हो पाया है. अबकी बार निर्माण नहीं हुआ तो वे प्राथमिकता के आधार पर इस मार्ग व नाली के निर्माण के लिए अनशन पर भी बैठने के लिए तैयार रहेंगे. सभासद ने दावा किया कि मार्ग व नाली का निर्माण मुझे कैसे कराना है, मुझे अच्छी तरीके से पता है.