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वोटर लिस्ट में धांधली का आरोप, एसडीएम ने कहा होगी जांच

यूपी में पंचायत चुनाव को लेकर प्रशासन की तैयारी भले ही सुस्त नजर आ रही हो, पर पद के ख्वाहिशमंद पूरी तरह अपने-अपने जुगाड़ में मुस्तैद हैं. बस्ती जिले में गांवों के कई उम्मीदवार वोटर लिस्ट में धांधली कर प्रधानी हथियाने के जुगाड़ में लगे हुए हैं.

वोटर लिस्ट में धांधली
वोटर लिस्ट में धांधली

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Published : Jan 14, 2021, 10:52 AM IST

बस्ती :जैसे-जैसे पंचायत चुनाव नजदीक आ रहा है प्रधानी का ख्वाब देखने वाले लोग अपना-अपना लक्ष्य भेदने के लिए अभी से जुगाड़ में जुट गए हैं. उम्मीदवार शाम-दाम, दंड-भेद सभी तरह के तरीके अजमा रहे हैं. बीएलओ से सांठ-गांठ कर वोटर लिस्ट में खेल का सिलसिला जारी है. उम्मीदवार कुछ मृतक मतदाताओं के भरोसे, कुछ शादी होकर गांव से चली गईं लड़कियों के भरोसे, तो कुछ शहर या गांव से बाहर रहने वाले अपने चहेतों का वोटरलिस्ट में नाम बढ़वाकर चुनाव जीतने की जुगत लगाए बैठे हैं.

वोटर लिस्ट में धांधली का आरोप

वोटर लिस्ट में नहीं कटे मृतकों के नाम

ताजा मामला विकास खण्ड कप्तान गंज के कुढ़वा ग्राम सभा का है. जहां के निवर्तमान प्रधान ने बीएलओ से साठ-गांठ कर वोटर लिस्ट में बड़ा खेल किया है. आरोप है कि लगभग 10-15 मृतक मतदाताओं का नाम बढ़ा दिया है. जिन मृत व्यक्तियों के नाम कटने चाहिए थे उनके कटे नहीं. शादी कर गांव से चली गईं लड़कियों का नाम मतदाता सूची में अंकित कराकर वोटर बना दिया गया. इस बात को लेकर गांव के जागरुक मतदाताओं ने उपजिलाधिकारी हरैय्या से लिखित शिकायत कर जांच कराने की मांग की है. लोगों के अनुसार गांव में फर्जी वोट डालने की पूरी तैयार की गई है, ऐसे में निष्पक्ष पंचायत चुनाव प्रभावित हो सकता है. इतना ही नहीं ऐसी भी जानकारी है कि बीएलओ व उनका परिवार भी दो जगहों से वोटर है.

दोषी मिलने पर होगी कार्रवाई-एसडीएम

इस संबंध में जब उपजिलाधिकारी हर्रैया अनुपम मिश्रा से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि शिकायती पत्र प्राप्त हुआ है. उसके आधार पर तहसीलदार की देखरेख में 5 सदस्य टीम गठित कर जांच कराई जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी. उनका कहना था कि फर्जी वोटर कतई वोट नहीं डालने पाएंगे. रही बीएलओ की बात जो दो स्थानों से खुद वोटरलिस्ट में अंकित हैं, यदि जांच में सही पाया गया तो उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जायेगी. लेकिन सवाल ये है कि जब पद पर बैठे जिम्मेदार लोग खुद इस तरह का कार्य कर रहे हैं तो निष्पक्ष पंचायत चुनाव कैसे हो सकता है.

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