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बस्ती महोत्सव: समापन मंच पर दिखा 1857 का नजारा, पीनाज मसानी ने सुरों से सजाई शाम

बस्ती महोत्सव का समापन शनिवार रात 1857 की याद दिलाते हुआ. पूरे दिन चली टैलेंट हंट प्रतियोगिता के बाद शाम को 1857 में बस्ती के राजा उदय प्रताप, रानी तलाश कुंवरि, बाबू शिवगुलाम जैसे क्रांतिकारियों के बलिदान को प्रस्तुत किया गया.

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Published : Feb 2, 2020, 2:51 PM IST

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बस्तीः जिले में आयोजित पांच दिवसीय बस्ती महोत्सव शनिवार रात समापन हुआ. कार्यक्रम में मैथिली ठाकुर, अनूप जलोटा समेत की प्रसिद्ध गायकों ने भी हिस्सा लिया. वहीं अंतिम दिन गजल गायिका पीनाज मसानी ने अपने गीतों से महोत्सव की शाम में चार चांद लगा दिए. एक ओर जहां मंच पर उतरे नन्हें सितारों ने पूरी महफिल लूट ली, वहीं कई ग्रुप्स की ओर से भी नृत्य गायन, नाटक आदि प्रस्तुत किया गया, जिसे देख लोग मंत्रमुग्ध हो गए.

बस्ती महोत्सव में 1857 का दृश्य.

मिस्ट्रियस गर्ल्स ग्रुप को मिला एक लाख का पुरस्कार
बस्ती महोत्सव का खास आकर्षण था टैलेंट हंट प्रतियोगिता, जिसका समापन के दिन ग्रैंड फिनाले हुआ. ग्रैंड फिनाले के नाटक वर्ग में राज श्रीवास्तव की टीम पहले स्थान पर रही, जिसे पुरस्कार में एक लाख रुपये दिए गए. 12 से 18 वर्ष के सोलो डांस में श्रेयांशी श्रीवास्तव को 25 हजार और ग्रुप डांस में मिस्ट्रियस गर्ल्स ग्रुप को प्रथम स्थान पाने पर वाले को एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया.

'सोचता हूं कि वो कितने मासूम थे' गीत पर बजीं तालियां
सोलो सिंगिंग में प्रथम अनामिका राज को 25 हजार, समूह में सरिता पांडेय 19 से 30 आयुवर्ग की टीम को प्रथम स्थान पर 30 हजार रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. ग्रुप सिंगिंग में अविनाश गुप्ता की टीम को एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया. प्रतियोगिता के दौरान मोहम्मद फैसल और उर्मिला की जुगलबंदी देखते ही बनी. इनकी ओर से प्रस्तुत किए गए ‘सोचता हूं कि वो कितने मासूम थे- गीत पर खूब तालियां बजी.

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बस्ती का इतिहास और बलिदान देखकर लोग हुए भावुक
टैलेंट हंट के बाद कलाकारों ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की कहानी को मंच पर जीवंत कर दिया. बस्ती के इतिहास और बलिदान को देखकर लोग भावुक हो गए. इसके बाद गायिका पीनाज मसानी की गजलों ने भी महोत्सव के अंतिम पलों को खास बना दिया, जिसके चलते लोग देर रात तक महोत्सव का आनंद लेते रहे.

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