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बस्ती के टिकट हैकर का अब टेरर फंडिंग से जुड़ा तार

आरपीएफ की टीम ने बस्ती जिले के रहने वाले हामिद अशरफ की पहचान टिकट रैकेट के मुखिया के तौर पर की है. हामिद अशरफ पर दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में सीआरपीसी की कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है.

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हामिद अशरफ (फाइल फोटो).

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Published : Jan 22, 2020, 9:23 PM IST

बस्ती: दिल्ली में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने टिकट रैकेट का पर्दाफाश करते हुए कथित 'सॉफ्टवेयर डेवलपर' को गिरफ्तार किया. इसके बाद इस रैकेट के सरगना हामिद अशरफ के तार बस्ती से जुड़े होने की बात सामने आई. इस रैकेट का नेटवर्क पाकिस्तान, बांग्लादेश और दुबई तक बताया जा रहा है. यह रैकेट टिकटों की धांधली कर हर महीने करोड़ों कमाता था और आतंकी फंडिंग में इस्तेमाल करता था.

जानकारी देते एसपी.
आरपीएफ ने यूपी के बस्ती जिले के रहने वाले हामिद अशरफ की पहचान रैकेट के मुखिया के तौर पर की है. अशरफ बीते साल पड़ोस के ही जिले गोंडा में हुए बम धमाकों में वान्टेड रहा है. गिरफ्तारी के डर से वह नेपाल के रास्ते दुबई चला गया था. हामिद 28 अप्रैल 2016 में जिले में आईआरसीटीसी हैक कर टिकट बनाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद वह जमानत पर बाहर आया था. जनपद के कप्तानगंज का निवासी आशिफ को दिल्ली आरपीएफ ने खुलासे में इस पूरे गिरोह का सरगना बताया है.
आरपीएफ महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि झारखंड के रहने वाले गुलाम मुस्तफा को भुवनेश्वर से अरेस्ट किया गया है. आरपीएफ ने मुस्तफा समेत 27 लोगों को अरेस्ट किया है. अब मामले की जांच से आईबी और एनआईए भी जुड़ गए हैं. यह रैकेट महज 1.48 मिनट में 3 टिकट बुक कर लिया करता था. सैकड़ों आईडी के जरिए यह खेल होता था, जिससे अंदाजा लगया जा सकता है कि यह रैकेट मिनटों में ही हजारों टिकटों पर हाथ साफ कर लेता था.

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आमतौर पर एक टिकट को मैन्युअली बुक करने में 2.55 मिनट तक का वक्त लगता है. यह गैंग इस घोटाले के जरिए हर महीने 10 से 15 करोड़ रुपये तक समेट रहा था. इस गैंग का पहला टारगेट कैश कमाना होता था. आरोप है कि कैश कमाने के बाद ये लोग इस रकम से टेरर फंडिंग करते थे. आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने खुलासे में बताया था कि पूछताछ में यह पता चलता है कि यूपी के बस्ती जिले का रहने वाला हामिद अशरफ इस रैकेट का मुखिया है, जो दुबई से इस गिरोह का संचालन कर रहा है. अशरफ गोंडा में हुए बम धमाकों में वान्टेड रहा है.

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एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि अशरफ की 28 अप्रैल 2016 में गिरफ्तारी हुई थी. दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में सीआरपीसी की कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है. जेल भी भेजा गया था. अब ये जमानत पर बाहर है. एसपी ने बताया कि फिलहाल तलाश चल रही है. पुलिस की टीमें लगी हुई हैं. गोंडा बम विस्फोट में इसका नाम सामने है. उन्होंने कहा कि अशरफ के नाम का बस्ती से कोई पासपोर्ट जारी नहीं हुआ है.

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