बस्ती: जनपत के छावनी कस्बा में शहीद स्थल पर पीपल का पेड़ मौजूद है. जिसकी शाखाओं पर लगभग 500 से अधिक लोगों को फांसी पर लटकाया गया था. छावनी शहीद स्थल पर पीपल के पेड़ के नीचे शहीदों की याद में स्तंभ बनाया गया है. साथ ही शहीदों के नाम का स्मारक भी लगा है, जिसमें 19 लोगों के नाम का उल्लेख है. इस स्मारक की स्थापना 1972 में हुई थी.
अंग्रेजों ने दी थी क्रांतिकारियों को फांसी
बात प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की है. बस्ती जिले की एक महान सेनानी अमोढ़ा रियासत की रानी तलाश कुंवारी थी. उन्होंने अंग्रेजों से आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ी. रानी की शहादत के बाद उनके सेनापति अवधूत सिंह ने हजारों क्रांतिकारियों के साथ 6 मार्च 1858 को लड़ाई लड़ी. बाद में अन्य स्थानों पर भी युद्ध किया. उस वक्त जो भी क्रांतिकारी अंग्रेजों की पकड़ में आ जाते थे, उसे छावनी में पीपल पेड़ पर फांसी पर लटका दिया जाता था. इसी पीपल के पेड़ के पास एक आम का पेड़ था. इस पर भी अंग्रेजों ने क्रांतिकारियों को फांसी दी.