बस्ती: जिले के आदर्श प्राथमिक विद्यालय मूड़घाट के शिक्षकों ने अवकाश के समय में बच्चों को पढ़ाने के लिए अभिभावकों का एक वाट्सएप समूह बनाया है, जिसके माध्यम से शिक्षण का नया तरीका अपनाया है. करीब 60 से अधिक बच्चों और शिक्षकों का समूह बनाकर प्रतिदिन उन्हें सिखाने का काम इनके द्वारा किया जा रहा है. यह सब सम्भव हो पाया है स्कूल के राष्ट्रपति पदक प्राप्त प्रधानाध्यापक डॉ. सर्वेष्ट मिश्र की बदौलत, जिन्होंने शिक्षा के अधिकर को बच्चों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है.
प्राइमरी स्कूल के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई. प्रधानाध्यापक डॉ. सर्वेष्ट मिश्र ने बताया कि वाट्सएप समूह का यह प्रयोग बहुत पहले अभिभावकों से जनसंपर्क बनाने और उन्हें विद्यालय की सूचनाएं देने और लेने के लिए किया था. इधर जब से लॉकडाउन के चलते विद्यालय में छुट्टियां बढ़ने लगी तो इस समूह का प्रयोग बच्चों को शिक्षा देने के लिए करने का फैसला लिया गया. उन्होंने बताया कि इस काम में विद्यालय के दूसरे शिक्षकों आराधना श्रीवास्तव, विनय चौधरी, साजिदा बेगम, लगातार बच्चों को होम वर्क देने और उसे जांच करके लौटाने, दूसरे सुझाव देने और शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने का काम कर रहे हैं. ये भी पढ़ें-ट्रॉली रिक्शा पर मां-बाप को बैठाकर बनारस से बिहार निकला 11 साल का ये बच्चा
ग्रुप में बच्चे भी प्रतिदिन अपने काम को पूरा करने के बाद वापस डाल रहे हैं, जिसे चेक करके शिक्षक उसका समुचित जवाब भी दे पा रहे हैं. प्रधानाध्यापक ने बताया कि वह प्रतिदिन बच्चों को इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स के ऑडियो और उसके लिखित सामग्री भेज रहे हैं. इसके अलावा वह समूह का उपयोग अभिभावकों में कोविड-19 के प्रति जागरूकता बढ़ाने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाने और साफ-सफाई के साथ अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने के दिशा-निर्देश भी दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य सभी बच्चों को शिक्षित करने का है इसलिए फिलहाल जितने बच्चे जुड़ पा रहे हैं, कम से कम उन तक हम शिक्षा का लाभ पहुंचा पा रहे हैं.
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शिक्षिका आराधना श्रीवास्तव ने भी बताया कि बच्चे बहुत अच्छे तरीके से ऑनलाइन जुड़कर सीख रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन हम बच्चों की क्लास के साथ ही टेस्ट भी ले रहे हैं. वहीं बच्चों ने भी बताया कि घर के लोग सपोर्ट कर रहे हैं, जिससे उनकी पढ़ाई मोबाइल से हो पा रही है. हालांकि कुछ बच्चों के पास एंड्राइड फोन नहीं हैं, जिसकी वजह से थोड़ी दिक्कत आ रही है, लेकिन इसके बावजूद वह किसी न किसी तरह ऑनलाइन आकर पढ़ाई कर रहे हैं.