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बस्ती: बाढ़ पीड़ितों को बांटा गया सड़ा आलू, एडीएम ने जिम्मेदारों को किया तलब - समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में बाढ़ पीड़ितों को प्रशासन की तरफ से राहत पैकेट बांटा गया. जब लोगों ने वितरित किया गया आलू का पैकेट खोला तो उसमें से दुर्गंध आने लगी. अधिकांश आलू सड़ चुका था. लोगों ने इस पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए आलू फेंक दिए.

rotten potatoes were distributed in flood victims
बस्ती में बाढ़ पीड़ितों को बांटा गया सड़ा आलू.

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Published : Aug 15, 2020, 7:04 AM IST

बस्ती: बाढ़ आती है तो प्रशासन की बहार भी आ जाती है, क्योंकि बाढ़ के नाम पर सरकार झटके में करोड़ों रुपये बजट आवंटित कर देती है. ताकि बाढ़ से किसी भी प्रकार की विभीषिका से निपटा जा सके, लेकिन विभाग के जिम्मेदार अफसर इसे अपनी कमाई का जरिया समझ लेते हैं. ऐसा ही एक मामला तब देखने को मिला, जब सरकार की तरफ से बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत पैकेट बांटे गए.

बाढ़ पीड़ितों को बांटा गया सड़ा आलू.

ग्रामीणों का कहना है कि जब उन लोगों ने राहत पैकेट को खोला तो उसमें से आलू के सड़ने की बदबू आई, जिस वजह से उन्होंने आलू का प्रयोग करने के बजाय उसे फेंक दिया. समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय बाढ़ पीड़ितों के लिए लगातार लड़ाई लड़ रहे हैं. उनके अथक प्रयास के बाद जनपद के सर्वाधिक बाढ़ व कटान से प्रभावित तटबंधविहीन क्षेत्र कल्याणपुर, भरथापुर व सहजौरा पाठक में बाढ़ राहत सामाग्री का वितरण किया गया. प्रशासन ने लाई व आलू सहित करीब 30 किलो का सीएम योगी व पीएम मोदी के चित्र छपा 166 खाद्यान्न किट वितरित किया.

बाढ़ पीड़ितों ने जब वितरित किया गया आलू का पैकेट खोला तो उसमें से दुर्गंध आने लगी. अधिकांश आलू सड़ चुका था. ग्रामीणों ने आपत्ति व्यक्त करते हुए बताया कि जहां इस बार सभी पीड़ितों को राहत सामाग्री नहीं मिली है, वहीं वितरित किया गया आलू सड़ा हुआ है.

समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय ने शासन और प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि भूखे को भोजन देने जैसे पुण्य कार्य में इस तरह का काम करना है तो हमें प्रशासन की मदद नहीं चाहिए. प्रशासन अपना हाथ खड़ा कर ले कि वो बाढ़ पीडितों को राहत सामाग्री नहीं दे सकता तो मैं समाज से सहयोग मांग कर बाढ़ पीड़ितों को इससे बेहतर सामग्री वितरित कर दूंगा.

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समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय ने कहा कि प्रशासन के अधिकारी कम से कम पैकेट पर छपे सीएम योगी और पीएम मोदी के चित्र का सम्मान करते. भला जिस आलू को जानवर नहीं खाएंगें, उसे आदमी कैसे उपयोग में लाएगा.

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